बिजली की मांग को लेकर विस्थापित मोरचा, मायल ने रजरप्पा प्रोजेक्ट में प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे लाठी डंडे, झंडा, बैनर के साथ रजरप्पा पहुंचे और महाप्रबंधक गेट के समक्ष धरना दिया. लोगों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों ने विद्युत सब स्टेशन पहुंच कर सुबह दस ग्रिड से आपूर्ति बाधित करा दी. इससे आवासीय कॉलोनी व महाप्रबंधक कार्यालय की बिजली गुल हो गयी. वहीं, खदान क्षेत्र में उत्पादन ठप हो गया.
इससे लाखों की क्षति का अनुमान है. मोरचा के सदस्यों का कहना था कि 24 फरवरी व 18 जून को जुलूस व धरना -प्रदर्शन कर प्रबंधन से बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि की मांग की गयी थी. इस पर प्रबंधन ने मौखिक आश्वासन दिया था. आठ माह बीत जाने के बाद भी गांव में कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी. समाचार भेजे जाने तक आंदोलन जारी था. मोरचा ने कहा कि जब तक प्रबंधन मांगों को नहीं मानेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर मुखिया आसमा परवीन, पंसस एम देवी, मो नइम, नकुल महतो, हितेश पटेल, गणोश महतो, एस आलम, निरंजन महतो, शिवचरण महतो, जोहार महतो, दिलीप महतो, शिव शंकर दास, बीरबल राम, मुखलाल महतो, इसलाम अंसारी, उषा देवी, सुनील करमाली, संतोष, विजय आदि उपस्थित थे.