रामगढ़ : समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित रामगढ़ जिला भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार घोटाले की जांच पूरी होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा जांच रिपोर्ट को संलगA करते हुए निगरानी जांच के साथ-साथ विभागीय जांच की अनुशंसा सरकार से की गयी है. जांच की अनुशंसा 27 जून को सरकार को भेज दी गयी है. उक्त जानकारी रामगढ़ के उपायुक्त दी है.
उपायुक्त अबु इमरान ने बताया कि जांच अधिकारी कार्यपालक दंडाधिकारी आसफ अली द्वारा 26 जून की संध्या 100 पन्नों की अंतिम जांच रिपोर्ट उन्हें समर्पित किया था. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के अध्ययन के बाद 27 जून को विभागीय जांच के साथ-साथ निगरानी जांच की अनुशंसा झारखंड सरकार को भेज दी गयी है. उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की जो जांच की गयी थी वह वित्तीय वर्ष 2013-14 की थी. इस समय जो अधिकारी पदस्थापित थे. उन पर भी सख्त काररवाई की अनुशंसा की गयी है. उपायुक्त अबु इमरान ने बताया कि पोषाहार मामले में जिला के अधिकारियों से जो जांच करवाई गयी उसमें एक वर्ष में लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का घोटाले का खुलासा हुआ है.
क्या था मामला
जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार बांटने के मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद उपायुक्त द्वारा जांच दल गठित की गयी थी. जांच दल के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. जांच में सामने आया कि इलेक्ट्रॉनिक दुकान, दवा दुकान के अलावा दूसरे जिलों से भी पोषाहार की आपूर्ति का बिल जमा कर भुगतान लिया गया है. साथ ही ज्यादातर दुकान फर्जी पाये गये तथा खोजने पर भी नहीं मिले.
कौन-कौन आयेंगे जांच के दायरे में
आंगनबाड़ी घोटाले मे जांच के दायरे में रामगढ़ जिला की पूर्व कार्यपालक दंडाधिकारी सह प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मधुमिता कुमारी, वर्तमान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कुमकुम प्रसाद, वर्तमान दुलमी बीडीओ दिलीप कुमार महतो, पूर्व सीडीपीओ नीलिशा कुमारी, अलका हेंब्रम, सुनीता अग्रवाल, वर्तमान सीडीपीओ नंदी रानी, सुरभी सिंह, चंदा रानी, सविता रानी आयेंगी.