भदानीनगर: ओरियातू गांव में ठंड से बेघर शनिचर उरांव की हुई मौत के बाद भी गांव में सरकारी महकमे की नींद नहीं टूटी है. बेघर हुए लोग अब भी कपड़े के टेंट में कड़ाके की ठंड से लड़ रहे हैं. परिणामस्वरूप एक और बेघर ग्रामीण सुकरा उरांव को ठंड लग गयी है. विगत दो दिनों से गांव में ही उसका देसी उपचार हो रहा है, लेकिन उसकी स्थिति में सुधार नहीं है. गांव के प्रति प्रशासनिक बेरुखी यदि इसी तरह बरकरार रही, तो ठंड की चपेट में आकर मर चुके शनिचर उरांव के साथ कुछ नाम और जुड़ जायेंगे.
इधर, ठंड का प्रकोप झेल रहे ग्रामीणों की सुधी लेने गुरुवार को एक बार फिर जेवीएम के जिलाध्यक्ष गोविंद बेदिया के नेतृत्व में पार्टी के कई लोग पहुंचे. जेवीएम ने मामले पर ग्रामीणों के साथ बैठक की. ठंड झेल रहे बेघरों को राहत पहुंचाने पर चर्चा हुई. ग्रामीणों में आपसी सहमति बनी कि बेघर बुजुर्गों व बच्चों को ग्रामीण अपनी सक्षमता के अनुसार नया आशियाना देंगे. इसके तहत जिनके घर में ज्यादा जगह होगी, वे ऐसे लोगों को अपने यहां शरण देंगे.
जेवीएम नेताओं ने सरकार व प्रशासन की विस्थापित आदिवासियों के प्रति उदासीनता की आलोचना की. मौके पर डीसी को संबोधित पत्र लिखा गया. इसे सौंपने के लिए शुक्रवार को पार्टी के लोग रामगढ़ जायेंगे. इसकी प्रतिलिपि सभी संबंधित अधिकारियों को भेजेंगे, ताकि गांव में बेघरों को जल्द से जल्द ठिकाना मिल सके. दौरे में केंद्रीय सदस्य दुर्गाचरण प्रसाद, प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप महतो शामिल थे.