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अगले वर्ष खुलेगी जीवनधारा परियोजना

प्रतिवर्ष 10 लाख टन होगा कोयला उत्पादन, चार सौ हेक्टेयर भूमि पर होगी परियोजना भुरकुंडा/भदानीनगर : बरका-सयाल क्षेत्र की लपंगा जीवनधारा परियोजना अगले वर्ष तक खुल जायेगी. सीसीएल ने इसकी कवायद तेज कर दी है. इसे लेकर शुक्रवार को भुरकुंडा के पीओ जीसी साहा ने सर्वे टीम के साथ प्रस्तावित परियोजना क्षेत्र का दौरा किया. […]

प्रतिवर्ष 10 लाख टन होगा कोयला उत्पादन, चार सौ हेक्टेयर भूमि पर होगी परियोजना

भुरकुंडा/भदानीनगर : बरका-सयाल क्षेत्र की लपंगा जीवनधारा परियोजना अगले वर्ष तक खुल जायेगी. सीसीएल ने इसकी कवायद तेज कर दी है. इसे लेकर शुक्रवार को भुरकुंडा के पीओ जीसी साहा ने सर्वे टीम के साथ प्रस्तावित परियोजना क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने वहां बसे ग्रामीणों से मुलाकात की. परियोजना से जुड़ी बातों पर चर्चा की. सब कुछ तय निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चला, तो 2018 तक यह परियोजना चालू हो जायेगी. ग्रामीणों ने परियोजना खोलने का स्वागत किया.

पीओ ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी बुनियादी सुविधाओं का प्रबंधन पूरा ख्याल रखेगा. परियोजना खुलने से क्षेत्र में रोजगार व विकास का द्वार भी खुलेगा. लपंगा परियोजना के बंद हो जाने के बाद इस क्षेत्र में विकास व रोजगार ठप पड़ गया था. लोगों को दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा था.

मौके पर रैयत विस्थापित मोर्चा के अध्यक्ष अखिलेश टोप्पो, सचिव सुखदेव उरांव, कोषाध्यक्ष बैजनाथ बेदिया, मुखिया बंदी देवी, पंसस पुष्पा एक्का, उप मुखिया पम्पा सरकार, सुरेश बेदिया, राजेंद्र बेदिया, अर्जुन बेदिया, सुरेश उरांव, सुनील उरांव, कृष्णा उरांव, मनोज उरांव, राजकुमार बेदिया, अशोक साव, राजू साव, गोविंद प्रसाद, नागेंद्र महतो, बितलू महतो, विलियम उरांव, प्रयाग तुरी, मंगल उरांव, चैता, उमेश, मुनीर अंसारी, प्यारेलाल साव, महावीर, अरुण उरांव, मिश्री केसरी, आनंद अग्रवाल, सेवक लाल, बीरबल, रूपलाल, जगलाल, मनोज, भानु उपस्थित थे.

18 वर्ष होगी परियोजना की लाइफ

जीवनधारा सीसीएल की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसे चालू करने को लेकर लंबे वक्त से प्रयास जारी था. यह परियोजना भुरकुंडा परियोजना के अधीन चलेगी. इस परियोजना की लाइफ लगभग 18 वर्ष होगी. प्रतिवर्ष 10 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा. यहां पर 1.8 मिलियन टन कोयला का रिजर्व भंडार है. कोयले का ग्रेड जी-7 है. इससे सीसीएल की भुरकुंडा परियोजना मुनाफे में आ जायेगी. हालांकि यह परियोजना विभागीय चलेगी या आउटसोर्सिंग के तहत, इस पर अंतिम निर्णय सीसीएल बोर्ड को लेना है.

चार सौ हेक्टेयर में होगी परियोजना

जीवनधारा परियोजना लगभग चार सौ हेक्टेयर जमीन पर संचालित होगी. इसमें रैयती, वन भूमि व गैरमजरुआ भूमि शामिल है. इसमें चोरधरा पंचायत क्षेत्र के तेतर टोला, धूमन टोला, तुरी टोला, रंका टोला व बेदिया टोला के लोगों की जमीन जायेगी. सीसीएल लपंगा कॉलोनी को भी लेगा. इस परियोजना की जमीन से संबंधित कागजात पतरातू सीओ को सौंपा जा चुका है. सीओ से कागजात सत्यापन के बाद इसे सीसीएल मुख्यालय रांची भेजा जायेगा. तकरीबन छह सौ लोग परियोजना खुलने के बाद विस्थापित होंगे. प्रबंधन इन्हें पुनर्वासित करने की योजना बना रही है.

ग्रामीणों ने परियोजना खुलवाने की खुद की है पहल

जीवनधारा परियोजना क्षेत्र से जुड़े ग्रामीणों ने इस परियोजना को खुलवाने की पहल खुद की है. इसे लेकर ग्रामीणों ने पिछले दिनों प्रबंधन को संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त पत्र सौंपा था. पत्र में परियोजना खोलने के संबंध में ग्रामीणों ने पूरा सहयोग करने की बात कही थी.

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