इसमें आंगो, उरेज, पोटंगा, उरीमारी, गरसुल्ला, सयाल केके पंचायत से हजारों की संख्या में विस्थापित ग्रामीण शामिल होंगे. विस्थापितों को रोजगार सुनिश्चित करने और क्षेत्र के संसाधनों पर उनका मालिकाना हक को लेकर इस रैली को सफल बनाना जरूरी है.
बैठक में बेनीलाल मांझी, रैना टुडू, नकुल प्रजापति, जयनारायण बेदिया, सिकंदर सोरेन, जितेंद्र यादव, भवानीशंकर प्रसाद, तालो हांसदा, लालजी पंवरिया, भादो करमाली, दीपक करमाली, सोलेन हांसदा, विनोद सोरेन, सुबितराम किस्कू, सुखदेव किस्कू, चरका प्रजापति, मुकद्दर सोरेन, जलेश करमाली, मुनीष मरांडी, बड़की देवी, सुमित्रा देवी, गंगिया देवी, प्यासो देवी, शहरमुनी देवी, शांति देवी, बिरसी देवी, फूलमुनी देवी, सुकुरमुनी देवी, बिरसा टुडू, परमेश्वर सोरेन, पूरन टुडू उपस्थित थे. बैठक में 12 नवंबर को क्षेत्र के विस्थापित नेता शर्मा मांझी का शहादत दिवस विस्थापित कार्यालय में संकल्प दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.