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फुटबॉल स्टेट प्लेयर कर रहे हैं ड्राइवरी
अजीत मिश्रा मेदिनीनगर : नावाबाजार प्रखंड का राजहरा कोठी गांव, कभी गांव से निकले प्रतिभाओं के कारण न सिर्फ पलामू बल्कि एकीकृत बिहार के जमाने में भी राज्य स्तर तक जाना जाता था. गांव में फुटबॉल के क्षेत्र में प्रतिभा थी. जिला स्तर पर फुटबॉल में राज्य स्तर प्रतियोगिता के लिए टीम का चयन होता […]
अजीत मिश्रा
मेदिनीनगर : नावाबाजार प्रखंड का राजहरा कोठी गांव, कभी गांव से निकले प्रतिभाओं के कारण न सिर्फ पलामू बल्कि एकीकृत बिहार के जमाने में भी राज्य स्तर तक जाना जाता था. गांव में फुटबॉल के क्षेत्र में प्रतिभा थी. जिला स्तर पर फुटबॉल में राज्य स्तर प्रतियोगिता के लिए टीम का चयन होता था.
उसमें निश्चित तौर राजहरा कोठी गांव के तीन-चार फुटबॉलर निश्चित तौर पर होते थे. गांव में सुबह और शाम दोनों पहर फुटबॉल की प्रैक्टिस होता था. लेकिन आज गांव में न खेल मैदान बचे और ना ही पहले जैसी खेल में रुचि. क्योंकि खेल प्रतिभा निखरे, इसके लिए अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया. जिन लोगों ने खेल को समय दिया. खेल के क्षेत्र में प्रतिभा दिखायी, आज उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट है.
गांव के लोग बताते हैं कि राजहरा कोठी गांव के संधु प्रजापति ने अलग राज्य के गठन के बाद झारखंड में राज्य स्तरीय टीम में अपनी जगह बनायी थी. स्टेट खेल चुके संधु खेल छोड़ चुके हैं. मैदान में फुर्ती दिखाने वाला संधु अब अपने परिवार के परवरिश के लिए ड्राइवरी का काम कर रहा है. गांव के लोग बताते हैं, जहां पहले खेल हुआ करता था. वह रैयती प्लॉट था. वहां खेती होने लगी.
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