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1000 किलो दलहन बीज का होगा उत्पादन
मेदिनीनगर : गुरुवार को चियांकी स्थित जेडआरएस के सभागार में क्षेत्रीय अनुसंधान व प्रसार समिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. जीएस दुबे ने की. बैठक में अनुसंधान निदेशक डॉ. डीके सिंह द्रोण, डॉ राघो ठाकुर, कृषि वानिकी अध्यक्ष डॉ एमएस मल्लिक, उपनिदेशक डॉ सोहन राम ने भाग लिया. मौके […]
मेदिनीनगर : गुरुवार को चियांकी स्थित जेडआरएस के सभागार में क्षेत्रीय अनुसंधान व प्रसार समिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. जीएस दुबे ने की. बैठक में अनुसंधान निदेशक डॉ. डीके सिंह द्रोण, डॉ राघो ठाकुर, कृषि वानिकी अध्यक्ष डॉ एमएस मल्लिक, उपनिदेशक डॉ सोहन राम ने भाग लिया. मौके पर निदेशक डॉ दुबे ने इस क्षेत्र के आवश्यकता के अनुरूप अनुसंधान करने की सलाह दी.
उन्होंने कहा कि इस इलाके में किसान सुखाड़ अकाल से परेशान हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि स्थिति को देखते हुए किसानों को खेती में नुकसान न उठाना पड़े. बैठक में चियांकी अनुसंधान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ डीएम सिंह ने शुष्क भूमि प्रयोजना के तहत किये गये. अनुसंधान कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत किया. डॉ सिंह ने कहा कि पलामू वर्षापात की स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में यहां मडुआ व ज्वार की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी होगा. उन्होंने किसानों को महुआ व ज्वार की खेती उपजाऊ भूमि में करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यहां के किसानों को कम पानी में व कम समय में तैयार होने वाली खेती करने की जरूरत है. डॉ एखलाक अहमद ने पिछले वर्ष किये गये शोध को प्रस्तुत किया.
उन्होंने इस क्षेत्र के लिए उपयुक्त तिल के प्रभेद विकास करने के बारे में बताया. डॉ. ए पाल ने बताया की इस क्षेत्र में हाईब्रिड धान के खेती किसानों के लिए लाभकारी होगा. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के धान के नवीन, सहभागी किस्म का बीज लगाने से पैदावार अधिक होगा. मौके पर कृषि पदाधिकारी एडमंड मिंज, डॉ. नजरूल सलाम, डॉ. माजिद अंसारी, मुनीश कुमार सिंह, उदयनाथ पाठक, सकील जयमाली, श्रवण कुमार, रंजन सिंह, जुगेश्वर महतो सहित कई लोग मौजूद थे.
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