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हम प्रजा हैं, हमारा काम है…
मेदिनीनगर : हम प्रजा हैं, हमरा काम है राजा का सजा पाना, ऐसे कितने सजा हैं जो बुझइबे नहीं करेगा कि कसूर क्या है और सजा किसका मिला. घंटघोरन की नौटंकी के मुख्य पात्र घंटघोरन द्वारा बोले गये इस संवाद से पूरा हॉल तालियों से गूंज जाता है. अवसर था झारखंड सरकार के पर्यटन, कला […]
मेदिनीनगर : हम प्रजा हैं, हमरा काम है राजा का सजा पाना, ऐसे कितने सजा हैं जो बुझइबे नहीं करेगा कि कसूर क्या है और सजा किसका मिला. घंटघोरन की नौटंकी के मुख्य पात्र घंटघोरन द्वारा बोले गये इस संवाद से पूरा हॉल तालियों से गूंज जाता है.
अवसर था झारखंड सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय द्वारा आयोजित नाटय कार्यशाला के समापन समारोह का. कार्यशाला के समापन के मौके पर घंटघोरन की नौटंकी नामक नाटक का मंचन किया गया. इसका उदघाटन पलामू उपायुक्त के श्रीनिवासन,भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अनूप कुमार, वनांचल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सुधीर कुमार सिंह, पलामू चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आनंद शंकर, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह जिप सदस्य विनोद कुमार सिंह, एसबीआइ के मुख्य प्रबंधक पुलिन मित्रा ने संयुक्त रूप से किया. घंटघोरन की नौटंकी नाटक के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था पर चोट किया गया है.
बताया गया है कि कैसे एक सक्षम व्यक्ति को बचाने के लिए इंसाफ को प्रभावित किया जाता है. एक आम आदमी जो भोला-भाला है, वह व्यवस्था के इस चालाकी को नहीं समझ पाता. चंद पैसे के लिए वह दूसरों की गलती की सजा पाने को भी तैयार हो जाता है. क्योंकि उसके पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था. इसी ताना-बाना के बीच मासूम आर्ट ग्रुप के कलाकारों ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया.
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