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खाद की खपत चार साल से वही, बढ़ रहा उत्पादन

खाद की खपत चार साल से वही, बढ़ रहा उत्पादनजैविक खाद की खपत का रिकॉर्ड नहींवरीय संवाददाता, रांचीराज्य में गत छह वर्षों से रासायनिक खाद की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2008-09 के खरीफ मौसम में यूरिया खाद की खपत करीब 105065 टन थी. वहीं छह वर्ष […]

खाद की खपत चार साल से वही, बढ़ रहा उत्पादनजैविक खाद की खपत का रिकॉर्ड नहींवरीय संवाददाता, रांचीराज्य में गत छह वर्षों से रासायनिक खाद की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2008-09 के खरीफ मौसम में यूरिया खाद की खपत करीब 105065 टन थी. वहीं छह वर्ष बाद 2014-15 में इसी मौसम की खपत 108030 टन रही. यानी इस दौरान सिर्फ चार हजार टन यूरिया का ज्यादा इस्तेमाल किया गया. इस दौरान लगभग यही स्थिति रबी मौसम की भी रही. खरीफ व रबी दोनों मौसम में डीएपी, एमअोपी व कंपोजिट फर्टिलाइजर की खपत में तो कमी आयी है. हालांकि रबी मौसम में यूरिया की खपत में वर्ष 2012-13 तक लगातार वृद्धि हुई, पर इसके बाद इसकी खपत घट रही है. दरअसल राज्य में खाद की जरूरत जितनी बतायी जाती है, आपूर्ति उससे कम होती रही है. खपत में कमी का यह भी एक कारण हो सकता है. खास कर यूरिया के मामले में यही होता रहा है. पर दूसरे खाद की खपत की कमी का कारण स्पष्ट नहीं है. इधर, कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार राज्य में कृषि उत्पाद में लगातार वृद्धि हो रही है. यह वृद्धि खाद्यान्न से लेकर दलहन-तेलहन में भी हुई है. तो खपत बढ़ी कैसे : बगैर खाद के बढ़ते उत्पादन के कई अर्थ लगाये जा सकते हैं. खास कर खरीफ में यूरिया के एक समान खपत के बावजूद धान के उत्पादन में वृद्धि हुई है. जानकारों के अनुसार एेसा या तो बगैर खाद के हो रहा है, या फिर किसान जैविक खाद (गोबर, वर्मी कंपोस्ट या अन्य) का प्रयोग कर रहे हैं. पर राज्य में जैविक खाद के कुल खपत संबंधी अांकड़ा उपलब्ध नहीं होने के कारण स्पष्ट रूप से कुछ कह पाना मुश्किल है. कृषि विभाग के अधिकारी भी रासायनिक खादों की खपत कम होने के कारण तो बताते हैं, पर खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने या न बढ़ने पर वह कुछ खास नहीं बताते.खरीफ में खाद की अापूर्ति व खपत (टन में)खाद का प्रकार ® 2008-09 ® 2014-15यूरिया ® 105065 ® 108030डीएपी ® 59889 ® 21757एमअोपी ® 11789 ® 3277कांपलेक्स ® 20847 ® 11400रबी में आपूर्ति व खपत (टन में) यूरिया ® 43707 ® 26260डीएपी ® 22377 ® 4735एमअोपी ® 1961 ® 4.6कांपलेक्स ® 16685 ® 1000(रबी मौसम में वर्ष 2008-09 की तुलना में डीएपी, एमअोपी तथा कांपलेक्स खांद की खपत लगातार घटी है) खाद्यान्न का बढ़ता उत्पादनखाद्यान्न व अन्य ® 2009-10 ® 2014-15धान ® 14.70 लाख टन ® 27 लाख टनगेहूं ® 1.54 लाख टन ® 3.70 लाख टन मकई ® 2.17 लाख टन ® 4.6 लाख टनदलहन ® 2.2 लाख टन ® 3.15 लाख टनतेलहन ® 67 हजार टन ® 1.8 लाख टनवर्जन : यूरिया सहित अन्य खाद की कीमत बढ़ रही है. इसका असर खपत पर पड़ रहा है. वहीं राज्य में पड़ने वाले सूखे व कम वर्षा से भी खाद की खरीद प्रभावित होती है. डॉ जटाशंकर चौधरी, निदेशक कृषि

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