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डिफॉल्टरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मेदिनीनगर : वनाचंल ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सरफेसी अधिनियम 2002 अन्य व्यावसायिक बैंकों की तरह वनांचल ग्रामीण बैंक में भी लागू हो जाने के बाद धारा 13(2) एंव 13(4) के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए हठी बकायेदारों व चूककर्ता ऋणियों के विरुद्धव सीधी कारवाई शुरू कर […]
मेदिनीनगर : वनाचंल ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सरफेसी अधिनियम 2002 अन्य व्यावसायिक बैंकों की तरह वनांचल ग्रामीण बैंक में भी लागू हो जाने के बाद धारा 13(2) एंव 13(4) के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए हठी बकायेदारों व चूककर्ता ऋणियों के विरुद्धव सीधी कारवाई शुरू कर दी गयी है. वनांचल ग्रामीण बैंक का एनपीए खाता के तहत 44 करोड़ राशि फंसी हुई है.
2236 चूककर्ता ऋणियों जिनके पास लगभग नौ करोड़ 52 लाख की राशि फंसी हुई है. इनके विरुद्ध बैंक सार्टिफिकेट केस दर्ज कर चुकी है. चार चूककर्ता ऋणियों के विरुद्ध मनी सूट दाखिल किया जा चुका है. ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ बैंक कठोर कारवाई शुरू कर दी है. श्री सिंह क्षेत्रीय कार्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि पांच चूककर्ता ऋणियों की परिसंपत्तियों को बंधक भूमि रेड़मा शाखा के ऋणी खनवा निवासी बदरुद्दीन अंसारी, शाहपुर के असगर अली पिता अब्दुल रहमान, चैनपुर के विजय कुमार पिता रामचंद्र प्रसाद, हरिनामाड बहेरा के सुधीर चौधरी पिता राम प्रसाद चौधरी कीसंपत्ति को जब्त कर लिया गया है. इन चूककर्ता ऋणियों का बंधक भूमि की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
नीलामी संबंधी सूचना समाचार पत्रों व बैंक के सूचना पट्ट पर लगा दिया गया है. श्री सिंह ने कहा कि बैंक द्वारा ऐसे लोगों को नोटिस भी भेजा गया है. ग्रामीण बैंक के विभिन्न शाखाओं के कैश क्रेडिट धारकों के पास बैंक की मोटी रकम बकाया है. ऐसे लोगों के प्रतिष्ठान में बैंक द्वारा प्रशासन की मुस्तैदी में तालाबंदी कर सील कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरफेसी एक्ट लागू होने के बाद बकायेदारों चूककर्ता ऋणियों के संपत्तियों जब्त करने संबंधी कार्रवाई के लिए अब न्यायालय से पूर्वानुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं रह गयी है.
उन्होंने कहा कि बैंक सख्ती के साथ डिफॉल्डरों पर कार्रवाई करेगी. बैंक द्वारा 20 वाहनों को जब्त किया गया है, जिसमें कई वाहन की नीलामी कर दी गयी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से ऋण की राशि वापस किया जा सकता है, जिसमें ब्याज माफ कर दिया जायेगा. बैंक के समाजिक प्रतिष्ठता गिराना नही चाहती है , लेकिन बैंक की लोन के रूप में ली गयी राशि वापस कर दें.
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