21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ब्यूरोक्रेसी की खामियों को दूर करें : नामधारी

पंचायती राज संस्थाएं एवं गरीबी उन्मूलन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू मेदिनीनगर : यूजीसी संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गुरुवार से शुरू हुई. बेलवाटिका स्थित गुरुतेग बहादुर मेमोरियल हॉल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. मुख्य अतिथि पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने दीप प्रज्जवलित कर संगोष्ठी का उदघाटन किया. इस संगोष्ठी का आयोजन […]

पंचायती राज संस्थाएं एवं गरीबी उन्मूलन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
मेदिनीनगर : यूजीसी संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गुरुवार से शुरू हुई. बेलवाटिका स्थित गुरुतेग बहादुर मेमोरियल हॉल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. मुख्य अतिथि पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने दीप प्रज्जवलित कर संगोष्ठी का उदघाटन किया.
इस संगोष्ठी का आयोजन जीएलए कॉलेज के राजनीति विभाग द्वारा किया गया है. इसका सहआयोजक योधसिंह नामधारी महिला महाविद्यालय है. संगोष्ठी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये विद्वान वक्ताओं द्वारा ‘पंचायती राज संस्थाएं एवं गरीबी उन्मूलन’ विषय पर सारगर्भित व तर्कसंगत विचार प्रस्तुत किया गया. मुख्य अतिथि श्री नामधारी ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत है, यह तभी संभव होगा, जब इस व्यवस्था की खामियों को दूर करेंगे. इसके लिए लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा. लोगों को सिंह दृष्टि रखनी होगी. उन्होंने कहा कि जब संविधान लागू हुआ उस समय पंचायतीराज व्यवस्था को लागू नहीं किया गया. जबकि महात्मा गांधी का सपना ग्राम स्वराज का था. उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन में सबसे बडी बाधा भ्रष्ट व्यवस्था है. ब्यूरोक्रेसी के जंजाल से पंचायतीराज को मुक्त किये बिना व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता है. इसके लिए आम आदमी को भी जागरूक होना होगा. अपने हक व अधिकार तथा गांवों की समस्या के समाधान के लिए आगे आना होगा. पुष्प गुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया गया.
महिला कॉलेज की छात्राओं ने स्वागतगान प्रस्तुत किया. अतिथियों ने स्मारिका का लोकार्पण किया. जीएलए कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ जयगोपालधर दुबे ने स्वागत भाषण दिया. आयोजन समिति के सचिव प्रो ऋचा सिंह ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमार वीरेंद्र व डॉ मनोरमा सिंह ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो छाया चटर्जी ने किया. मौके पर वाइएसएन कॉलेज की प्राचार्या डॉ मोहिनी गुप्ता, प्रो एससी मिश्रा, प्रो एसएन उपाध्याय, डॉ पंकज द्विवेदी, प्रो रामानुज शर्मा, डॉ विमल कुमार सिंह, डॉ रविशंकर, डॉ विभा शंकर, प्रो मकबुल मंजर आदि मौजूद थे.
ज्ञान के स्तर पर गरीबी नहीं है: मधुलिका : दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो मधुलिका बनर्जी ने कहा कि आज भी समाज के निचले तबके के लोग धन से गरीब हैं, मगर ज्ञान से नहीं. समाज के प्रबुद्धजनों के पास परंपरागत ज्ञान का भंडार है, उस ज्ञान के स्रोत व स्वशासन के स्रोत को संवाद में लाने की जरूरत है. वैकल्पिक विकास के लिए परंपरागत ज्ञान महत्वपूर्ण स्रोत है. इस ज्ञान में समाज व व्यवस्था को बदलने की क्षमता विद्यमान है. जरूरत है पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत बनाने में इस ज्ञान का उपयोग करने की. तभी गांवों का विकास होगा और गरीबी दूर होगी.
पंचायतों को पूरा अधिकार दिये जाने की जरूरत : शरण : रांची विवि के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो रमेश शरण ने कहा कि भारत गांवों का देश है. भारत तभी खुशहाल व समृद्ध होगा, जब गांव के लोग खुशहाल होंगे. गांव में अमीरी व गरीबी की खाई को पाटने के लिए सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया था. मगर पंचायतीराज संस्थाओं को पूरा अधिकार नहीं दिया गया, इस कारण विकास नहीं हो सका.
अपेक्षित विकास नहीं हुआ : डॉ विजय : एनपी विवि के प्रतिकुलपति डॉ विजय कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी पंचायतों का अपेक्षित विकास नहीं हुआ. इस तरह के संगोष्ठी से जो बाते सामने आयेगी, उससे पंचायतीराज व्यवस्था को सुदृढ करने में सहायता मिलेगी और गरीबी उन्मूलन के कार्य के क्रियान्वयन में बल मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें