मेदिनीनगर : स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह के अवसर पर पलामू विभाग सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के तत्वावधान में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. उदघाटन जीएलए कॉलेज के दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ विभेष कुमार चौबे ने किया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद व शिक्षा की अवधारणा विषय पर प्रकाश डाला.
मुख्य अतिथि डॉ चौबे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अद्वितीय महापुरुष थे. वे हिंदुत्व ज्ञान के वाहक थे. उन्होंने कहा था कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो धर्मोधिष्ठ हो. धर्म के बगैर शिक्षा की अवधारणा नहीं हो सकती, क्योंकि धर्म ही हमारे राष्ट्र जीवन का आधार है. भारतीय संस्कृति से जुड़ी शिक्षा में धर्म व संस्कार का सम्मिश्रण रहता है.
आज जरूरी है बच्चों को राष्ट्रभक्त बनाने के लिए भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा देने की. विद्या भारती के प्रदेश सचिव मुकेश नंदन ने अतिथियों को विषय प्रवेश कराया. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद धीर, वीर व गंभीर पुरुष थे. उनके विचार आज भी प्रासंगिक है.
आरएसएस के विभाग संचालक ध्रुव नारायण सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चल कर ही एक स्वस्थ व समृद्ध समाज का निर्माण किया जा सकता है. युवाओं को विवेकानंद के जीवन आदर्श को अपनाने की जरूरत है.
अध्यक्षता विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आनंद विश्वकर्मा व संचालन आचार्य रमेश तिवारी ने किया. मौके पर वासुदेव तिवारी, प्रधानाध्यापक ललित प्रसाद साहू, विभाकर नारायण पांडेय, अश्विनी मिश्र, ओमकार नाथ सिन्हा, महेंद्र जी, विनय पांडेय, अखिलेश विश्वकर्मा, सत्य नारायण प्रसाद, सुनील पाठक, अशोक मिश्र, धनंजय सिंह, अंजनी श्रीवास्तव सहित कई लोग मौजूद थे.