उस उम्मीद के विपरीत काम हो रहा है. सिर्फ सवालों को गुमराह कर झूठ को परोसने का खेल चल रहा है और इसी को राजनीतिक और देशभक्ति का नाम दिया जा रहा है. जब कोई जनता के सवालों को उठा रहा है, तो उसे देशद्रोही की कतार में खड़ा कर दिया जा रहा है. इस स्थिति को बदलने के लिए यह जरूरी है कि लोग मूल सवालों का हल ढूंढे. यह तभी होगा, जब हम सच्चाई को समझते हुए सवालों को गुमराह किये बिना इसका हल ढूंढने का प्रयास करेंगे.
छात्र नेता श्री कुमार गुरुवार को मेदिनीनगर के ऐतिहासिक शिवाजी मैदान में आयोजित सोवियत रूस क्रांति शताब्दी समारोह में बोल रहे थे. इसका आयोजन महान नवंबर क्रांति शताब्दी वर्ष समारोह समिति ने किया था. समारोह की अध्यक्षता भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य रवींद्र भुइयां व संचालन आयोजन समिति के संयोजक राजीव कुमार ने किया. समारोह में छात्र नेता कन्हैया ने कहा कि देश के नवनिर्माण के नाम पर भाजपा ने वोट मांगा. बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने का मसला था. किसानों की बदहाली दूर करने का सवाल था. इन मसलों पर काम क्या हुआ. देश कैसे आगे बढ़ रहा है. यह सवाल जब कोई उठा रहा है, तो भाजपा वाले उसकी सीडी पेश कर रहे है. श्री राम के नाम पर राजनीति पर भी कन्हैया ने भाजपा को घेरा. कहा कि सत्ता पाने के लिए भाजपा के लोग प्रभु श्रीराम की चरित्र की गलत व्याख्या करते है. चर्चा श्रीराम की मंदिर की निर्माण की होती है. लेकिन भाजपा के शासन में ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे की मंदिर बनती है. आखिर देश कहा जा रहा है. यह भी सोचने की जरूरत है. बनाना था प्रभु श्रीराम का मंदिर, बन रहा है नाथु राम का! भाजपा के जो राम है, उनके लिए यह नाम सत्ता तक पहुंचने का माध्यम है. छात्र नेता कन्हैया ने कहा कि आज जब कोई देश के प्रधानमंत्री के नीतियों की आलोचना करता है, तो भाजपा के लोग यह कहते हैं कि यह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध है. कन्हैया ने सवाल किया कि जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और भाजपाई उन्हें मौनमोहन कहते थे. आरोप लगाते थे कि मनमोहन सिंह सोनिया के रिमोट से चलते हैं. लेकिन भाजपाइयों को यह भी बताना चाहिए की वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी किस मोड में चलते है. उन्हें जो लगता है उसके मुताबिक मोदी जी मोबाइल मोड में चलते है. जब देश में कोई बड़ा सवाल होता है, तो वह फ्लाइट मोड में चले जाते हैं. जब कोई सवाल पूछना चाहता है, तो वह साइलेंट मोड में चले जाते हैं और जब देश में चुनाव होता है तो वाइवरेशन मोड में चले जाते हैं. इसी आधार पर देश चल रहा है.
कन्हैया ने कहा कि उनलोगों की लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि जनता के हक व अधिकार को लेकर है. इस लड़ाई में तमाम प्रगतिशील लोगों को आगे आना होगा. तभी भूख, जातिवाद, बेरोजगारी, संघवाद, मनुवाद जैसी गुलामी से आजादी मिलेगी. मौके पर भाकपा राज्य परिषद के सचिव केडी सिंह, प्रगतिशिल वामपंथी चिंतक शैलेंद्र कुमार, शैलेंद्र सिंह, रुचिर कुमार तिवारी, एसएन नेहरू, आरएन सिंह, उपेंद्र मिश्रा, रविशंकर, पंकज श्रीवास्तव, शब्बीर अहमद, सरफराज आलम, राजीव रंजन सिंह,जीतेंद्र सिंह, प्रदीप कुमार अकेला,युगल पाल, प्रेमप्रकाश सहित कई लोग मौजूद थे.