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ऑडिट में एजी भी नहीं पकड़ पाये थे गड़बड़ी!

वित्त विभाग की टीम कर रही है विशेष अंकेक्षण मेदिनीनगर : चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक सरकारी राशि निकासी के मामले में वित्त विभाग की स्पेशल टीम पलामू जिला नजारत का विशेष अंकेक्षण कर रही है. जिला नाजिर के पद पर रहते हुए शैलेश कुमार ने चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि […]

वित्त विभाग की टीम कर रही है विशेष अंकेक्षण
मेदिनीनगर : चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक सरकारी राशि निकासी के मामले में वित्त विभाग की स्पेशल टीम पलामू जिला नजारत का विशेष अंकेक्षण कर रही है. जिला नाजिर के पद पर रहते हुए शैलेश कुमार ने चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक सरकारी राशि की निकासी की थी. फिलहाल इस मामले में आरोपी नाजिर शैलेश जेल में बंद है. वर्ष 2007 से लेकर 2016 तक शैलेश जिला नाजिर के पद पर कार्य किया था. इस दौरान उसने चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से 9 करोड़ 41 लाख रुपये की अधिक निकासी की थी. यह मामला उपायुक्त अमीत कुमार की सक्रियता के बाद सामने आया.
डीसी श्री कुमार ने इस पूरे मामले को पकड़ा. प्रारंभिक दौर में छह माह के दौरान आरोपी पूर्व नाजिर शैलेश कुमार द्वारा स्वीकृत राशि से 98 लाख रुपये की अधिक निकासी का मामला सामने आया था. इसके बाद उपायुक्त श्री कुमार ने आरोपी नाजिर शैलेश के जिला नजारत के संपूर्ण कार्यकाल की जांच के लिए कमेटी गठित की थी. कमेटी ने जब पूरे मामले की जांच की तो पाया गया कि स्वीकृत राशि से 9 करोड़ 41 लाख रुपये की अधिक की निकासी की गयी.
उपायुक्त ने इस मामले में विशेष अंकेक्षण के लिए वित्त विभाग से अनुशंसा की थी, जिसके बाद वित्त विभाग ने अंकेक्षण शुरू किया है. विभागीय सूत्रों की माने तो अंकेक्षण के दौरान एजी (महालेखाकार) की पकड़ में यह मामला कैसे नहीं आया. यह भी एक बड़ा सवाल है. क्योंकि पलामू जिला नजारत का एजी ने 2015 तक ऑडिट किया है. उसके बाद भी पूर्व नाजिर शैलेश द्वारा की गयी गड़बड़ी नहीं पकड़ी गयी.
जानकारों की माने तो मुख्यत: एजी का काम यह भी रहता है कि वह कैशबुक व बैंक स्टेटमेंट का मिलान करें. यदि ऐसा होता तो संभव था कि यह गड़बड़ी पूर्व में भी पकड़ी जाती. लेकिन किस परिस्थिति में ऑडिट टीम ने चूक की, पूरे मामले को नजरअंदाज किया. यह भी अपने आप में एक सवाल खड़ा कर रहा है. फिलहाल वित्त विभाग की स्पेशल टीम पलामू में कैंप कर पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार द्वारा की गयी गड़बड़ी को खंगालने में जुटी है. संभव है कि गड़बड़ी की राशि का आंकड़ा और भी बढ़ जाये. पूरी रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी.
शैलेश ने चैनपुर में भी की है गड़बड़ी!
आरोपी पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार न सिर्फ जिला नाजिर होने के दौरान गड़बड़ी की है, बल्कि जिला नाजिर के पद से हटाये जाने के बाद भी उसने अपना यह खेल जारी रखा था. जिला नाजिर के पद से हटाये जाने के बाद उसे चैनपुर प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित किया गया था.
वहां भी शैलेश को प्रखंड नाजिर का प्रभार दिया गया था. जो चर्चा है उसके मुताबिक वहां भी प्रखंड नाजिर रहते हुए शैलेश कुमार ने चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक पैसे की निकासी की है.
सूत्रों के मुताबिक, उपायुक्त अमीत कुमार के आदेश के आलोक में बीडीओ सुशील कुमार राय ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट दे दी है. बताया गया कि शैलेश ने आपूर्तिकर्ताओं के नाम पर जारी चेक में स्वीकृत राशि से अधिक पैसे की निकासी की है. चूंकि प्रखंड नजारत में जिला नजारत के तुलना में राशि कम होती है. इसलिए चैनपुर में गड़बड़ी का आंकड़ा करोड़ों में नही बल्कि लाखों में है. संभव है कि इस मामले में भी शैलेश के खिलाफ कार्रवाई हो.
एजी की ऑडिट का दे रहे हैं हवाला
विभागीय सूत्रों की मानें तो 2007 से लेकर 2016 तक जो भी एनडीसी के पद पर रहे उनसे भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया था. इस मामले में उनलोगों ने अपना जो पक्ष दिया है उसमें एजी द्वारा की गयी ऑडिट का जिक्र है.
उनलोगों ने अपने बचाव में कहा है कि जब मामले में एजी ने अंकेक्षण कर सबकुछ सही का रिपो
र्ट दिया तो वे लोग इस मामले में आखिर दोषी कैसे है. गड़बड़ी को एजी द्वारा भी पकड़ा जाना चाहिए था. बहरहाल वित्त विभाग की टीम अभी जांच में लगी है. पूरी रिपोर्ट फाइनल होने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी.

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