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तकनीकी फॉल्ट से आपूर्ति बाधित
जून माह में हो रही परेशानी मेदिनीनगर : पलामू को पर्याप्त बिजली मिल रही है. इसके बाद भी बिजली संकट है. विभाग का यह कहना है कि पलामू को जरूरत के मुताबिक बिजली मिल रही है. लेकिन तकनीकी खामियों के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. मई माह तक बिजली की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक […]
जून माह में हो रही परेशानी
मेदिनीनगर : पलामू को पर्याप्त बिजली मिल रही है. इसके बाद भी बिजली संकट है. विभाग का यह कहना है कि पलामू को जरूरत के मुताबिक बिजली मिल रही है. लेकिन तकनीकी खामियों के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. मई माह तक बिजली की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक रही.
लेकिन जून माह में बिजली की कमी से लोग परेशान रहे. शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक बिजली की कमी है. यह स्थिति आखिर क्यों? इस सवाल पर विभाग के अभियंता का कहना है कि पलामू को 50 से 60 मेगावाट बिजली की जरूरत है, जो कि पलामू को उपलब्ध हो रहा है. लेकिन जहां तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने का सवाल है, तो इसकी वजह तकनीकी खराबी है. पलामू के बारे में पूर्व से बिजली को लेकर जो धारणा बनी है, वह आज भी कायम है. पहले भी यह कहा जाता था कि थोड़ी सी तेज हवा चली या बारिश हुई पलामू की बिजली गुल हो जाती है. कमोबेश यह स्थिति आज भी कायम है.
हवा के साथ बारिश हुई, तो बिजली गुल होनी ही है. संचरण व वितरण की व्यवस्था अराजक हो चुकी है. कई लोगों की यह शिकायत है कि जब बिजली का संकट होता है और इसके बारे में कोई विभागीय पदाधिकारी से जानकारी लेना चाहते हैं, तो जेइ से लेकर जीएम तक का मोबाइल बंद रहता है. इस तथ्य को सत्तारुढ़ दल के मुख्य सचेतक सह विधायक राधाकृष्ण किशोर भी स्वीकार करते हैं. यह सही है कि बिजली के बारे में जानकारी लेनी हो, तो जेइ से लेकर जीएम तक का मोबाइल बंद मिलता है. संचरण और वितरण की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल रही है. वहीं विभाग के कई लोग भी यह मानते हैं कि वर्तमान में बिजली विभाग की व्यवस्था भगवान भरोसे ही है. बिजली जल रही है यही कम नहीं है.
पलामू में कार्यपालक अभियंता का पद है खाली
पलामू में बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता का पद पिछले चार माह से खाली है. पूर्व के कार्यपालक अभियंता को प्रशासनिक कारणों से निलंबित किया गया था. उसके बाद उनकी जगह पर किसी की अभी तक पोस्टिंग नहीं की गयी है. स्थिति यह है कि बिजली के बारे में जानकारी मांगने पर न तो अधीक्षण अभियंता ठीक तरीके से कुछ बता पाते हैं और ना ही जीएम.
स्थिति यह है कि जीएम अधीक्षण अभियंता के बारे में कहते है और अधीक्षण अभियंता अक्सर नोट रिचेबल रहते हैं. स्थिति यह है कि जब बिजली की कमी होगी, तो जेइ से जीएम तक का मोबाइल बंद ही मिलेगा. विधायक श्री किशोर का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है. इस ओर वह सरकार का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. बिजली की व्यवस्था में सुधार हो, इसके लिए वह सक्रियता के साथ लगे हैं.
किशोर लायेंगे ध्यानकर्षण प्रस्ताव
पलामू में बिजली की व्यवस्था लचर हो चुकी है. सत्तारुढ़ दल के मुख्य सचेतक सह विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पलामू की लचर बिजली व्यवस्था को लेकर वह मानसून सत्र में विधानसभा में ध्यानकर्षण प्रस्ताव लायेंगे. पलामू की बिजली व्यवस्था ठीक नही है. मेन्टेन्स का कार्य नहीं हो रहा है. जो संचरण व्यवस्था है, वह 25 से 30 साल पुराना है.
उसके रख रखाव पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हटिया ग्रिड से जुड़ने का भी अपेक्षित लाभ पलामू के लोगों को नहीं मिल रहा है. लो वोल्टेज से भी लोग परेशान है. गुरुवार को मनातू में करंट के चपेट में आने से चार लोगों की मौत हुई.ऐसी स्थिति सिर्फ मनातू की ही नहीं है.बल्कि पलामू के कई इलाकों में आज भी बांस के सहारे बिजली ले जाया गया है.
तार जर्जर हो चुके हैं, पर यह बदला जाये इस पर विभाग ने ध्यान नहीं दिया. श्री किशोर कहते है यद्यपि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण विद्युतिकरण का कार्य शुरू हुआ है. ट्रांसफारमर की किल्लत भी दूर हो गयी है. लेकिन मेन्टेन्स पर अधिकारियों का ध्यान नही है. इस कारण स्थिति लचर हुई है.
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