शिशु मृत्यु दर में पाकुड़ की स्थिति भयावह
पाकुड़ : समाहरणालय के सूचना भवन में गुरुवार को स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रलय द्वारा बाल सुरक्षा को लेकर कार्यशाला आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन उपायुक्त फिदेसिल टोप्पो व सिविल सजर्न डॉ धन हेंब्रम ने संयुक्त रूप से किया.
कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में लक्षित स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक लक्ष्य को पूरा करने की बात अतिथियों ने कही.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लिए कई चुनौतियां है. भारत सरकार ने 29 राज्यों के 184 जिलों को उच्च प्राथमिकता वाला जिला घोषित किया है. जिसमें पाकुड़ को भी शामिल किया गया है.
उपायुक्त ने कहा कि बच्चों के मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जागरूकता पैदा करना होगा. इसके लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना होगा. डीसी ने कहा कि जिले में डायरिया, मलेरिया, एनीमिया की भी स्थिति भयावह है.
उस पर भी रोक लगाने के लिए जागरूकता करना होगा. वहीं सिविल सजर्न डॉ धन हेंब्रम ने कहा कि मृत्यु दर कम करने के लिए तथा उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शिक्षा विभाग, आइसीडीएस, पीएचइडी विभाग से सहयोग की अपील की है.
आयोजित कार्यशाला में डीडीसी संजीव शरण, नगर पंचायत अध्यक्ष मीता पांडेय,अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा जेपी सिंह, यूनिसेफ के डा प्रेमचंद्र कुमार, शरत पांडे, अनुपम वर्मा, तुहीन बनर्जी, डा एसके मेहरोत्र,आदि मौजूद थे.