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अखारी तालाब में उग आये हैं खर-पतवार
पाकुड़ : शहर के कुड़ापाड़ा स्थित अखारी तालाब में पिछले 10 वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा छठ पूजा की जाती है. पहले तो ऐसे ही बिना किसी तैयारी के व्रतधारियों द्वारा व्यक्तिगत घाट तैयार कर पूजा की जाती था, लेकिन पिछले चारवर्षों से स्थानीय युवकों द्वारा श्री-श्री छठ पूजा सेवा समिति कुड़ापाड़ा के बैनर तले […]
पाकुड़ : शहर के कुड़ापाड़ा स्थित अखारी तालाब में पिछले 10 वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा छठ पूजा की जाती है. पहले तो ऐसे ही बिना किसी तैयारी के व्रतधारियों द्वारा व्यक्तिगत घाट तैयार कर पूजा की जाती था, लेकिन पिछले चारवर्षों से स्थानीय युवकों द्वारा श्री-श्री छठ पूजा सेवा समिति कुड़ापाड़ा के बैनर तले आकर्षक ढंग से घाट को सजाया जाता है.
इस तालाब की वर्तमान में स्थिति काफी खराब है. घाटों पर झाड़ी व खरपतवार उग आये हैं. यहां लोग खुले में शौच कर देते हैं. इससे काफी गंदगी फैली है. यहां समिति ही छठ के समय सफाई करती है बांकि के दिनों में गंदगी का अंबार ही लगा रहता है. इस तालाब पर कुड़ापाड़ा, बड़ी अलीगंज, कीताझोर, बेलियाडांगा, चापाडांगा सहित आस-पास के गांवों के लोग छठ मनाने आते हैं.
नप करती है खानापूर्ति
दुर्गा पूजा के बाद छठ मनाये जाने को लेकर नगर परिषद पाकुड़ द्वारा तालाबों की सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. जैसे-तैसे कुछ मजदूरों को लगा कर सफाई के नाम पर केवल घास-फूस को हटा दिया जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो यदि छठ पूजा समिति के सदस्यों द्वारा बेहतर ढंग से साफ-सफाई नहीं किया जाय तो उपरोक्त तालाब में व्रतधारियों को छठ मनाना भी मुश्किल होगा.
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