पाकुड़ : स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त करने को लेकर सरकार गंभीर तो दिख रही है, पर इसका परिणाम जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा. स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए करोड़ों खर्च हो रहे हैं, स्वास्थ्य भवन के नाम पर जिले के सभी प्रखंडों में कई बड़े-बड़े भवन बनाये गये हैं. लाखों-करोड़ों खर्च कर उपकरण भी खरीदे गये, परंतु विभाग की लचर व्यवस्था के कारण स्वास्थ्य सेवा जिले में पूरी तरह चरमरायी हुई है. पाकुड़ प्रखंड के कई पंचायत डेंगू जोन के रूप में जहां जाने जाते हैं,
वहीं लिट्टीपाड़ा मलेरिया व कालाजार को लेकर चर्चित रहा है. इन प्रखंडों में अब तक मलेरिया, कालाजार व डेंगू से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. पाकुड़िया, महेशपुर व हिरणपुर की बात करें तो यहां भी डायरिया से कई लोगों की जानें अब तक जा चुकी है. मिला-जुला कर कहा जा सकता है कि कोई भी प्रखंड ऐसा नहीं हैं, जहां कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण लोगों की जानें नहीं गयी हो. ऐसे में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की पड़ताल को लेकर शुक्रवार को प्रभात खबर ने स्टिंग किया.
स्टिंग के दौरान पाकुड़ जिले के कुल 6 प्रखंड पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा़, अमड़ापाड़ा, महेशपुर व पाकुड़िया में अलग-अलग प्रतिनिधियों ने अस्पताल में रुक कर पूरी व्यवस्था की जानकारी ली. कई अस्पताल में जहां चिकित्सक काफी लेट पहुंचे, वहीं कई अस्पतालों में चिकित्सक तो मिले पर बाकी कर्मचारी नदारद दिखे. जिस कारण इलाज कराने पहुंचे लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.