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कर्मचारी गये हड़ताल पर

आंदोलन.सफाई कर्मियों व रात्रि प्रहरी को 18 माह से मानदेय नहीं किस्को : प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किस्को के सफाई कर्मी एवं रात्रि प्रहरी मानदेय भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. स्वास्थ्य केंद्र के बाहर धरना पर बैठ गये. सफाई कर्मी शीला देवी, पंचमुनी देवी, पैरो देवी, रात्रि प्रहरी […]

आंदोलन.सफाई कर्मियों व रात्रि प्रहरी को 18 माह से मानदेय नहीं
किस्को : प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किस्को के सफाई कर्मी एवं रात्रि प्रहरी मानदेय भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. स्वास्थ्य केंद्र के बाहर धरना पर बैठ गये.
सफाई कर्मी शीला देवी, पंचमुनी देवी, पैरो देवी, रात्रि प्रहरी राजू राम व राजेंद्र उरांव ने बताया कि उन्हें 18 माह से मानदेय नहीं मिला है. इससे आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है. कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कचरे का ढेर लगना शुरू हो गया है. कर्मियों ने बताया कि पांच हजार रुपये प्रति महीना देने का एग्रीमेंट हुआ है, लेकिन ठेकेदार द्वारा तीन हजार रुपये ही दिया जाता है.
इसके बाद भी इतने दिनों से मानदेय नहीं दिया गया है. जब तक मानदेय का भुगतान नहीं हो जाता, हड़ताल जारी रहेगी. कर्मियों ने बताया कि किस्को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रहरी एवं सफाई कर्मियों द्वारा उपायुक्त को समस्या से पूर्व में अवगत कराया है. उपायुक्त के जनशिकायत कोषांग से पत्र प्रेषित कर सिविल सर्जन और एसडीओ को जांच कर भुगतान करने की जिम्मेवारी दी गयी थी, इसके बाद भी अब तक मानदेय भुगतान को लेकर प्रयास नहीं हो रहा है.
ज्ञात हाे कि सदर अस्पताल लोहरदगा और आर्थिक आजादी सेवा समिति संस्थान द्वारा दैनिकभोगी सफाई कर्मियों (प्रत्येक) को 4500 रुपये एवं रात्रि प्रहरी को पांच हजार रुपये प्रतिमाह पर रखा गया है. इस संबंध में संस्थान के संचालक लाल गुडु का कहना है कि पिछले 11 माह से स्वास्थ्य विभाग से राशि नहीं दी जा रही है, जिसके कारण सफाई कर्मियों काे मानदेय नहीं दिया गया है.
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ दिलीप वेहरा ने बताया कि कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सफाई व्यवस्था पर असर पड़ रहा है. इन लोगों का भुगतान यहां से नहीं, बल्कि एनजीओ एवं सदर अस्पताल के माध्यम से होता है. वहीं इस संबंध में सिविल सर्जन से बात करने पर उन्होंने कोई सार्थक जवाब नहीं दिया गया. सीएस ने कहा कि इस विषय पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से बात करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.

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