कैरो/लोहरदगा : स्वास्थ्य उपकेंद्र कैरो को अपग्रेड कर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तो बना दिया गया है. किंतु अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की कोई सुविधा क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण 7-8 वर्षों पूर्व 2 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से शुरू किया गया था, लेकिन आज भी भवन नहीं बन सका है.
आधा-अधूरा बना भवन भी अब असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गया है. अर्द्धनिर्मित भवन से खिड़की, दरवाजा, शौचालय के लिए बना पाइप सहित असामाजिक तत्व तोड़ कर ले जा रहे हैं. कुछ सामान अनुपयोगी होने के कारण बरबाद कर दिया जा रहा है. भवन निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही भवन की चहारदीवारी लगभग 13 लाख रुपये की लागत से कर दी गयी है.
अब चूंकि अधूरे भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है, ऐसी स्थिति में चहारदीवारी को भी असामाजिक तत्व क्षतिग्रस्त करने में लगे हैं.
23 लाख रुपये निकालने के बाद अभियंता ने काम छोड़ा: भवन निर्माण का कार्य शुरूआती दौर में विभागीय अभियंता ने किया. लगभग 23 लाख रुपये निकासी के बाद अभियंता ने काम छोड़ दिया. इसके बाद शेष कार्य का निविदा निकाली गयी.
पलामू के एक संवेदक को यह काम आवंटित किया गया. शुरुआती दौर में निर्माण कार्य जैसे-तैसे शुरू हो गया, लेकिन बाद में यह काम बंद कर दिया गया. लगभग दो साल से निर्माण कार्य बंद है.
केंद्र में कर्मियों की कमी से परेशानी : 100 शय्यावाले इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भवन में डॉक्टरों, नर्सो, कर्मियों के रहने सहित अन्य सुविधा देने की बात कही गयी थी. शुरू में निर्माण कार्य इसी अनुरूप किया गया.
अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र कैरो फिलहाल पुराने उपकेंद्र में दो कमरो में संचालित हो रहा है. यहां कमरों के अभाव में सामान्य प्रसव की सुविधा महिलाओं को दी गयी है. भवन न बनने के कारण यहां स्वीकृत पद के अनुरूप डॉक्टर सहित अन्य कर्मियों की बहाली नहीं की गयी.
झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे ग्रामीण : प्रखंड बनने के साथ ही क्षेत्र के लोगों को सरकारी सुविधा मिलने की आस जगी थी . स्वास्थ्य के मामले में यह क्षेत्र बिल्कुल पिछड़ा हुआ था. लोगों को उम्मीद थी कि अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हो जाने से यहां डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मियाें की बहाली होगी. क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. आज भी क्षेत्र के लोग झोला छाप डॉक्टर के भरोसे ही हैं.