लोहरदगा. जिले में मॉनसून वर्षा देर से हुई. जिसके कारण किसान रोपनी कार्य 15 अगस्त तक करते रहे. देर से ही रोपनी के बाद भी किसानों को उम्मीद है कि उत्पादकता में थोड़ी कमी के बाद भी उत्पादन हो जायेगा. इधर लगभग एक सप्ताह से वर्षा न होने के कारण किसान चिंतित हैं. कम वर्षा के बाद भी किसान किसी प्रकार तालाबों, गड्ढों से पटवन कर रोपनी कर दिये. लेकिन इधर लगातार बारिश न होने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है. जिन खेतों में किसी प्रकार रोपनी की गयी थी, वह खेत अब सूखने लगे हैं. जिले में अनुमान के मुताबिक लगभग 70 प्रतिशत रोपनी हो चुका है. एक एवं दो नंबर के खेतों में तो अभी तक पानी के बिना कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन तीन नंबर के धान खेतों में पानी सूख गया है. यदि स्थिति यही रहा तो तीन नंबर के खेतों में खेती हो पाना असंभव प्रतीत हो रहा है. किसान बताते हैं कि अभी तक की गयी रोपनी में फर्क नहीं पड़ा है, लेकिन यदि वर्षा नहीं हुई तो उत्पादकता पर असर पड़ेगा. किसानों का यह भी कहना है कि सावन महीने के अंत तक की गयी रोपनी के उत्पादन और बाद के रोपनी के उत्पादन मंे अंतर आ जाता है. जिला कृषि पदाधिकारी का इस संबंध में कहना है कि 15 अगस्त तक की गयी रोपनी में उत्पादकता में कमी नहीं होती. बशर्ते खेतों में पानी भरपूर रहना चाहिए.
एक सप्ताह से वर्षा नहीं होने से किसान चिंतित
लोहरदगा. जिले में मॉनसून वर्षा देर से हुई. जिसके कारण किसान रोपनी कार्य 15 अगस्त तक करते रहे. देर से ही रोपनी के बाद भी किसानों को उम्मीद है कि उत्पादकता में थोड़ी कमी के बाद भी उत्पादन हो जायेगा. इधर लगभग एक सप्ताह से वर्षा न होने के कारण किसान चिंतित हैं. कम वर्षा […]
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