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अस्पताल में लाचार व विवश नजर आया जमुना का पिता

लोहरदगा : केकरांग झरना के पास लैंड माइंस विस्फोट की शिकार 14 वर्षीय जमुना उरांव के पिता जगदीश उरांव बुधवार को अपनी मृत बच्ची को पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल पहुंचे. वे घटना के बाद से काफी मायूस नजर आ रहे थे. वे बार-बार कह रहे थे की मेरी बेटी लकड़ी चुनने गयी थी, जिसकी मौत […]

लोहरदगा : केकरांग झरना के पास लैंड माइंस विस्फोट की शिकार 14 वर्षीय जमुना उरांव के पिता जगदीश उरांव बुधवार को अपनी मृत बच्ची को पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल पहुंचे. वे घटना के बाद से काफी मायूस नजर आ रहे थे. वे बार-बार कह रहे थे की मेरी बेटी लकड़ी चुनने गयी थी, जिसकी मौत लैंड माइंस विस्फोट में हो गयी.

कौन जानता था की लकड़ी के बजाय बेटी का शव वहां से लाना पड़ेगा. वे बार-बार बेटी की याद कर में परेशान होते दिखे. पूछने पर उन्होंने बताया की तीन बेटी व दो बेटा में जमुना सबसे छोटी बेटी थी और वह सबसे तेज भी थी. गृहस्थी का अधिकतर सामानों का जुगाड़ वही करती थी. इस क्रम में जंगल से लकड़ी चुनने के लिए गयी थी, ताकि घर में खाना बने और ठंड में आग तापने की व्यवस्था भी होती. ज्ञात हो कि घटना में उसके साथ गये पांच अन्य लडकियां भी घायल हो गयी थी.

बीडीओ ने भेजी सहायता राशि
लोहरदगा. लैंड माइंस विस्फोट में मारी गयी 16 वर्षीय जमुना कुमारी के पिता जगदीश उरांव, पतगच्छा निवासी को बीडीओ के निर्देश पर अग्रिम सहायता राशि 10 हजार रुपये उसके गांव जाकर दिया गया. मौके पर मुखिया लक्ष्मी उरांव, पंचायत सेवक रामप्रसाद राम, सीआइ जगरनाथ उरांव, विनोद सिंह, परमेश्वर भगत, संतोष प्रजापति, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र सिंह आदि मौजूद थे. लोगों का कहना था की इतनी बड़ी घटना घटी और बीडीओ परिजनों से मिलने तक नहीं आये. आखिर ग्रामीण कैसे अधिकारियों पर भरोसा करेंगे.

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