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पुणे कमाने गये मजदूर की संदेहास्पद मौत
चंदवा : प्रखंड के गेरूवागड़ा निवासी बालचंद उरांव की मौत की खबर सुन परिजन बेसुध हैं. गुरुवार सुबह से ही रो-रो कर उनका बुरा हाल है. चंदवा के कई लोगों के साथ करीब एक माह पूर्व बालचंद भी कमाने पुणे गया हुआ था. उसके बाद से उसकी कोई सूचना नहीं मिली थी. साथ गये कुछ […]
चंदवा : प्रखंड के गेरूवागड़ा निवासी बालचंद उरांव की मौत की खबर सुन परिजन बेसुध हैं. गुरुवार सुबह से ही रो-रो कर उनका बुरा हाल है. चंदवा के कई लोगों के साथ करीब एक माह पूर्व बालचंद भी कमाने पुणे गया हुआ था. उसके बाद से उसकी कोई सूचना नहीं मिली थी. साथ गये कुछ लोग जब एक सप्ताह पूर्व चंदवा लौटे तो परिजन लगातार उनसे बालचंद के बारे में पूछने लगे. इसके बाद भी उनलोगों ने बालचंद के बारे में कुछ नहीं बताया.
अंतत: इसकी सूचना चंदवा पूर्वी मुखिया पुष्पा देवी व पश्चिमी मुखिया संगीता देवी को दी गयी. मुखिया व परिजनों ने जब जबरदस्ती की तो बालचंद के साथ गये लोगों ने उसकी मौत हो जाने के मामले का खुलासा किया. गुरुवार की सुबह चंदवा पुलिस गेरूवागड़ा पहुंची. लोगों से जानकारी प्राप्त की. इस संबंध में पुनि कमलेश्वर पांडेय ने कहा कि अब तक मौत की बात कही गयी है. मौत कैसे हुई यह अभी जांच का विषय है. रेल से कटकर हुई मौत की रिपोर्ट रेल थाना में दर्ज होगी. पूरे मामले पर उनकी नजर है. जांच जारी है.
क्या है मामला
करीब एक माह पूर्व भादे उरांव, रामकुमार भगत, विजय उरांव, छुन्नू उरांव (कुसूमटोली,चंदवा), ठुपा लोहरा, बालचंद उरांव, शमील मिस्त्री (गेरूआगड़ा,चंदवा) ताले गांव (पुणे) कमाने गये थे.
गणेशपुर (बालूमाथ) निवासी हरेंद्र राम ने उक्त लोगों को पुणे भेजा था. इनमें से भादे, रामकुमार व ठुपा एक सप्ताह पूर्व चंदवा लौट आये हैं. इन्होंने पुलिस के समक्ष बताया कि जाने के क्रम में ही रेल से कटकर बालचंद की मौत हो गयी थी. भयवश इस घटना की जानकारी उनलोगों ने चंदवा में किसी को अब तक नहीं दी. तब से पत्नी सुरजी देवी बालचंद के वापस आने की आस संजोयी थी. परिजन व ग्रामीणों के दबाव के बाद मामले का खुलासा हो पाया.
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