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आरक्षण को समाप्त करना चाह रही है भाजपा : हेमंत सोरेन

मेदिनीनगर: प्रतिपक्ष के नेता सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा दलित, शोषित, पीड़ित व आदिवासियों को हक से वंचित करना चाहती है. भाजपा के एजेंडे में दलित, शोषित, पीड़ित और आदिवासी का विकास करना नहीं, बल्कि व्यवसायियों को कैसे मजबूत बनाया जाये, इस बात को केंद्र में रखकर सरकार योजना […]

मेदिनीनगर: प्रतिपक्ष के नेता सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा दलित, शोषित, पीड़ित व आदिवासियों को हक से वंचित करना चाहती है. भाजपा के एजेंडे में दलित, शोषित, पीड़ित और आदिवासी का विकास करना नहीं, बल्कि व्यवसायियों को कैसे मजबूत बनाया जाये, इस बात को केंद्र में रखकर सरकार योजना तैयार कर रही है. जिस तरह भाजपा एक के बाद एक नीति तैयार कर रही है, उससे पार्टी की मंशा स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है. यदि लोग सचेत होकर एकजुट नहीं हुए, तो भाजपा आरक्षण भी समाप्त कर देगी और आदिवासियों की जमीन लूटकर व्यवसायियों को सौंप देगी. इसलिए जागृत होकर इसके खिलाफ संघर्ष करने का वक्त आ गया है.

झामुमो ने संघर्ष की शुरुआत कर दी है. संघर्ष का ही प्रतिफल है कि सीएनटी एक्ट पर सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा है. श्री सोरेन सोमवार को मेदिनीनगर के पंडित दीन दयाल स्मृति नगर भवन में आयोजित डालटनगंज विधानसभा के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में पार्टी ने चलो गांव की ओर सरकार की खोले पोल, अबकी बार हमारी सरकार का नारा दिया है.

सम्मेलन की अध्यक्षता मोरचा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिन्हा ने की. संचालन सचिव मनव्वर जमा खान ने किया. पूर्व मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि दोहरी नियोजन नीति के नाम पर पलामू प्रमंडल के युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है. अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. छात्रवृत्ति के पैसे में कटौती कर दी गयी है. यदि राज्य सरकार को अपने काम पर भरोसा होता, तो सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर ढोल पिटने की आवश्यकता क्या थी? दरअसल यह सरकार जमीन पर नहीं, बल्कि इवेंट मैनेजमेंट पर चल रही है. बड़े पूंजीपतियों से कर्ज वापस नहीं लिया जा रहा है.

किसानों पर कर्ज वापसी का दबाव पड़ रहा है. इसके कारण झारखंड के किसान आत्महत्या करने को मजबूर है. एक तरफ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ राज्य सरकार अपनी ब्राडिंग करने में जुटी है. भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव लाकर कृषि योग्य भूमि को भी पुंजीपतियों को देने की कोशिश की जा रही है. इसका विरोध गांव स्तर से शुरू होना चाहिए नहीं, तो किसानों के समक्ष भूखे मरने की स्थिति आ जायेगी. पूर्व मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने सरकार की स्थानीय नीति की भी आलोचना की. कहा कि जो 100 वर्षों से झारखंड में है और जो 20 वर्षों से यहां रह रहे हैं, उन दोनों को एक प्रकार की सुविधा दी गयी है. यह झारखंडवासियों के साथ अन्याय है.

श्री सोरेन ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने का आह्वान किया. कहा कि जब झामुमो की सरकार होगी तभी जल, जंगल और जमीन की हिफाजत होगी. इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय, कमाल खां, संजीव तिवारी, राजमुनी मेहता, विभूति सिंह, इकबाल अहमद, सुधाकर पांडेय उर्फ भानू, ईश्वरी यादव, मो. शाहनवाज, अरविंद तिवारी, रवींद्र प्रसाद, रिशु अग्रवाल, देवेन्द्र तिवारी, कोमल देवी, बीरेद्र पासवान सहित कई लोग मौजूद थे. कार्यक्रम में सतबरवा के पूर्व जिप सदस्य कौसर आरा सहित कई लोगों ने पार्टी में आस्था व्यक्त करते हुए झामुमो में शामिल हुए. मोरचा के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री सोरेन ने सभी लोगों को माला पहनाकर स्वागत किया.

स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी पर भी निशाना साधा. कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो चुकी है. बच्चों की मौत हो रही है. अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री चंद्रवंशी का गृह जिला पलामू ही है. उनकी कार्य क्षमता क्या है और वह करते क्या है यह पलामू के लोगों से छिपा नही है. उसके बाद भी कहा जाता है कि स्वास्थ्य व्यवस्था में अपेक्षित सुधार हुआ है. इसे आखिर क्या कहा जाये.
झामुमो के विधायक प्रतिबद्धता के साथ जनता के लिए खड़ा रहते हैं : सोरेन
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने बिना नाम लिए डालटनगंज विधायक आलोक पर निशाना साधा. कहा कि विधायक के पास राजनीतिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता नहीं है. जिस मूल्यों को लेकर चुनाव लड़े थे. मौका मिलने पर नैतिकता व मूल्यों को ताक पर रखकर सब्जी की तरह बिक गये. ठीक उसी तरह जब कोई खरीददार सब्जी मंडी में पहुंचता है और सब्जी बिक जाते हैं, ठीक इसी तरह यहां के विधायक का भी हाल है. यदि यहां के विधायक अपने मूल्यों पर अडिग रहते, तो स्थिति कुछ और ही होती. भले ही रघुवर सरकार स्थायी सरकार का दंभ भरे, लेकिन यह जनता के मत पर नहीं बल्कि धन-बल पर जुटाया गया बहुमत है. उन्होंने कहा कि झामुमो के विधायक पूरी प्रतिबद्धता के साथ जनता के लिए खड़ा रहते हैं. डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र का सम्मेलन था और उन्होंने अपने संबोधन में बार-बार यहां के विधायक का जिक्र किया.

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