: पहले ही दिन सामने आयी कई परेशानियां : 593 दुकानदारों के लिए महज 600 मशीनें झुमरीतिलैया. जिले में स्मार्ट सार्वजनिक वितरण प्रणाली (स्मार्ट पीडीएस) की शुरुआत की गयी. लेकिन योजना लागू होते ही पहले ही दिन तकनीकी दिक्कतें और व्यवस्थागत चुनौतियां सामने आ गयीं. जिले के 593 राशन दुकानदारों के लिए महज 600 मशीनें हैं, जिससे 1,12,900 लाभुकों को अनाज और अन्य सामग्री मिलनी है. कोडरमा प्रखंड कार्यालय में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कमल किशोर सिंह ने डीलरों को स्मार्ट पीडीएस के संचालन और वितरण प्रक्रिया की जानकारी दी. मौके पर जिला कार्यालय से ऑपरेटर रवि कुमार व संतोष कुमार मौजूद थे. डीलरों को बताया गया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के पीडीएस नियम अलग-अलग हैं, केंद्र की योजना में पीला, लाल कार्ड चलता है, जबकि राज्य सरकार की अपनी अलग व्यवस्था है, इससे डीलरों और लाभुकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. हर महीने की पांच तारीख से राशन वितरण शुरू होता है, लेकिन सोमवार को जिले भर में सिर्फ 14 लाभुकों को ही अनाज मिल पाया, जबकि आमतौर पर पहले दिन ही सैकड़ों लाभुक राशन ले लेते हैं. इसका प्रमुख कारण पुरानी मशीनें, कमज़ोर नेटवर्क (2जी प्रणाली) और तकनीकी कर्मचारियों की कमी रहा. मशीनें लेकर जिला कार्यालय पहुंचे दुकानदार : मंगलवार को कई राशन दुकानदार मशीनें लेकर जिला कार्यालय पहुंचे और नये सिस्टम को समझने की कोशिश की. उन्हें बताया गया कि मशीनें लगभग 10 साल पुरानी हैं और नयी प्रणाली के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रही हैं. 593 डीलरों और 600 मशीनों के रखरखाव के लिए सिर्फ दो तकनीकी ऑपरेटर नियुक्त हैं, जो खराब मशीनों को ठीक करने का काम करते हैं. मशीनों में समस्या आने पर लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है. डीलरों का कहना है कि जब तक केंद्र और राज्य सरकार के नियमों में एकरूपता नहीं लायी जाती और नयी मशीनों के साथ तेज नेटवर्क प्रणाली नहीं दी जाती, तब तक स्मार्ट पीडीएस को सही ढंग से लागू करना संभव नहीं है. हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि धीरे-धीरे सभी समस्याओं का समाधान निकाला जायेगा और आने वाले दिनों में लाभुकों को तकनीक से जुड़े फायदे मिलने लगेंगे. तकनीकी बाधाओं को दूर करना जरूरी स्मार्ट सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की नयी व्यवस्था में हर जनवितरण दुकान पर 200 से अधिक लाभुक पंजीकृत हैं. यदि नेटवर्क ठीक हो, तो प्रत्येक लाभुक को राशन मिलने में 25 से 30 मिनट तक का समय लगता है. लेकिन अगर नेटवर्क धीमा या बाधित हो जाये, तो कितना समय लगेगा यह कहना मुश्किल हो जाता है. लोग सुबह सात बजे से ही अपने नंबर का इंतजार करने लगते हैं, लेकिन तकनीकी बाधाओं की वजह से घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. कई लाभुक बिना राशन लिये लौटने को मजबूर हो जाते हैं.
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