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डीवीसी के एसपौंड निर्माण के आसार बढ़े
बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति कोडरमा बाजार : जिले के जयनगर प्रखंड स्थित बांझेडीह में डीवीसी द्वारा निर्मित 500-500 मेगावाट के दो पावर प्लांट के लिए बनने वाली एसपौंड का विस्थापितों का लगातार विरोध और उससे पनपे संकट को दूर करने के लिए स्थानीय परिसदन में बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक कोडरमा सांसद डॉ […]
बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति
कोडरमा बाजार : जिले के जयनगर प्रखंड स्थित बांझेडीह में डीवीसी द्वारा निर्मित 500-500 मेगावाट के दो पावर प्लांट के लिए बनने वाली एसपौंड का विस्थापितों का लगातार विरोध और उससे पनपे संकट को दूर करने के लिए स्थानीय परिसदन में बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक कोडरमा सांसद डॉ रवींद्र राय की अध्यक्षता में हुई. बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक एसके कसी, डीवीसी के चेयरमैन एंड्रयू डब्लू लेंगसे, बरकट्ठा विधायक प्रो जानकी यादव, डीसी संजीव कुमार बेसरा, डीडीसी आदित्य कुमार आनंद, स्थानीय विस्थापितों के प्रतिनिधि व डीवीसी के अन्य अधिकारी मौजूद थे. बैठक में एसपौंड निर्माण में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए विस्तार से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गयी. साथ ही कई बिंदुओं पर आम सहमति बनी. विस्थापित ग्रामीणों ने डीवीसी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि डीवीसी प्रबंधन केवल आश्वासन देती है, किये वायदे को पूरा नहीं करती है.
उन्हें विस्थस्पितों के दर्द से कोई लेना-देना नहीं है. आरआर पॉलिसी के तहत जितने कार्य किये जाने थे, उसमे कई कार्य आज भी अधूरे हैं. विस्थापितों ने कहा कि बैठक में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी, उसका इकरारनामा हो ताकि भविष्य में डीवीसी प्रबंधन उससे मुकर न जाये. आनेवाली पीढ़ी को भी पता चले कि डीवीसी प्रबंधन को क्या करना है और क्या नहीं.
तीन घंटे तक चली बैठक में एसपौंड निर्माण और इससे होनेवाले प्रदूषण व इसकी रोकथाम के उपाय पर गंभीर चर्चा हुई. बैठक के बाद एसपौंड निर्माण को लेकर आसार बढ़े है. मौके पर डीवीसी के तकनीकी सदस्य रवींद्र त्रिपाठी, प्रोजेक्ट हेड एनसी मिश्रा, मुख्य अभियंता ऑपरेशन अनंत चक्रवर्ती, जितेंद्र झा, मधुकांत झा, मो इलियास, उप प्रबंधक एपी सिंह, विस्थस्पितों की ओर से धनेश्वर यादव, कौलेश्वर सिंह, पोखराज राणा, कपिल राणा मौजूद थे.
डीवीसी ने लगातार की है वादा खिलाफी : जानकी यादव : बरकट्ठा विधायक प्रो जानकी यादव ने कहा कि डीवीसी ने शुरू से ही वादा खिलाफी की है. विस्थापितों ने जब डीवीसी के खिलाफ अनशन किया, तब भी वे जनता के साथ थे और उन्होंने उन्हें उनका हक दिलाने का वायदा किया था.
उन्होंने कहा कि डीवीसी की लापरवाही और पूर्व के जनप्रतिनिधियों की कमजोरी के कारण डीवीसी ने कई वायदों को पूरा नहीं किया, मगर आज हुई बैठक में उन अधूरी योजनाओं को पूरा करने की बात भी कही गयी है. यादव ने बताया कि रेभनाडीह, कंद्रपडीह व हीरोडीह में फुट ओवरब्रिज निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. आइटीआइ केंद्र नहीं खोला गया, ग्रामीण जलापूर्ति योजना भी अधूरी पड़ी है. बैठक में डीवीसी चेयरमैन ने अबिलंव एक करोड़ रुपये योजना को पूर्ण करने के लिए देने की बात कही है.
स्थायी एसपौंड गांव से 450 मीटर व डीवीसी बाउंड्री से 250 मीटर दूर बनेगा : बैठक के बाद प्रेस वार्ता में सांसद डॉ रवींद्र राय ने बताया कि डीवीसी प्रबंधन द्वारा पूर्व में पावर प्लांट निर्माण के बाद अस्थायी एसपौंड निर्माण करवाना तकनीकी भूल थी.
उक्त अस्थायी एसपौंड प्रदूषण रहित नहीं होने से लोगों में प्रबंधन के खिलाफ अविश्वास का वातावरण बना. इससे स्थायी एसपौंड निर्माण के खिलाफ लोगों ने विरोध शुरू किया. उन्हें शंका थी कि नये एसपौंड से और अधिक प्रदूषण फैलेगा, मगर ऐसा नहीं है. स्थायी एसपौंड आधुनिक तकनीक से पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाया जायेगा. कहा कि स्थायी एसपौंड गांव से करीब 400 से 450 मीटर दूर व डीवीसी की बाउंड्री से 250 मीटर दूर बनेगा. साथ ही इसके रिसाव को रोकने के लिए ड्रेनेज बनाया जायेगा.
एक नियमित अंतराल पर पानी का छिड़काव करने के साथ साथ गहरे व अधिक से अधिक छायादार छोटे-बड़े पेड़ लगाये जायेंगे. इसके अलावा 32 गांवों के विस्थापितों की विद्युत सुविधा सीधे डीवीसी से देने की बात कही गयी है. इस पर डीवीसी प्रबंधन ने बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को रखने और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. सांसद ने कहा कि विस्थापितों की मांग पर बैठक में बने आम सहमति का लिखित बनाया जा रहा है.
जिसकी एक-एक प्रति विस्थापितों, स्थानीय जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के पास रहेगा. पीएचइडी मॉडल आधारित पेयजलापूर्ति की व्यवस्था की जायेगी. चिकित्सा सुविधा व स्थानीय विस्थापितों के योग्य लोगों को नियोजन का लाभ दिया जायेगा. साथ ही विस्थापित स्थल पर आइटीआइ केंद्र खोलने आदि पर सहमति बनी है.
सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार की स्पष्ट गाइड लाइन है, जिसके मुताबिक यदि मानक को पूरा करते हुए एसपौंड निर्माण नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति सरकार पावर प्लांट को बंद कर सकती है. ऐसे में विस्थापितों को एसपौंड निर्माण में अब सहयोग करना चाहिए. यदि सहमति के बाद भी डीवीसी अपने वायदे से मुकरती है, तो विस्थापितों की लड़ाई वे खुद लड़ेंगे.
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