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सरकार रसोइयों के प्रति उदासीन
कोडरमा बाजार : जिला मध्याह्न भोजन रसोइया संघ ने सोमवार को समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. इससे पूर्व उर्मिला चौधरी की क्लिनिक के पास से जिलाध्यक्ष बसमतिया देवी की अध्यक्षता में रैली निकाली गयी. यह रैली समाहरणालय पहुंच कर सभा मे तब्दील हो गयी. सभा की अध्यक्षता बसमतिया देवी ने की. सभा को संबोधित […]
कोडरमा बाजार : जिला मध्याह्न भोजन रसोइया संघ ने सोमवार को समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया. इससे पूर्व उर्मिला चौधरी की क्लिनिक के पास से जिलाध्यक्ष बसमतिया देवी की अध्यक्षता में रैली निकाली गयी. यह रैली समाहरणालय पहुंच कर सभा मे तब्दील हो गयी. सभा की अध्यक्षता बसमतिया देवी ने की. सभा को संबोधित करते हुए जिप सदस्य सह भाकपा जिला मंत्री महादेव राम ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकार रसोइयों के प्रति उदासीन है. उन्हें एक दिन की मजदूरी 50 रुपये में आठ घंटा परिश्रम करना पड़ता है. जबकि मनरेगा मजूदरों को एक दिन की मजदूरी 163 रुपये मिलते है. उन्होंने कहा कि चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री के शासनकाल में 50 रुपये में महिलाओं से काम लिया जा रहा है.
जबकि उनका मानदेय कम से कम प्रतिमाह नौ हजार रुपये होना चाहिए. झारखंड राज्य की महिला समाज की प्रदेश संयोजिका सोनिया देवी ने कहा कि जिस देश में महिलाएं पूजी जाती है, उसी देश में 50 रुपये प्रतिदिन में काम कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस राज्य की राज्यपाल महिला है, उसी राज्य में महिलाओं का शोषण हो रहा है.
सरकार ने इन पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और तेज होगा. कोडरमा अंचल सचिव प्रकाश रजक ने कहा कि रसोइयों से बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जा रहा है, रसोइया एक दिन में 300-400 बच्चों का भोजन पकाती है. जबकि उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती है.
कई रसोइया भोजन पकाते समय जल जाती है, उसके लिए चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें नियमित मानदेय नहीं मिलता. सभा को अंजु देवी, सोहरी देवी, उमा देवी,डेगनी देवी,लक्ष्मी देवी, संध्या देवी, पुष्पा देवी ने भी संबोधित किया. मौके पर बेबी देवी, मेघनी देवी, सुलतानी खातून, रेखा देवी, जुलेखा खातून, कलावती देवी, रीना देवी, पूनम देवी, विमला देवी, सोहवा देवी, मीना देवी, गीता देवी मौजूद थी.
सात सूत्री मांग पत्र सौंपा
धरना के बाद रसोइया संघ ने डीसी कोडरमा को सात सूत्री मांगों का स्मार पत्र सौंपा. इसमें रसोइयों का मानदेय नौ हजार रुपये प्रतिमाह किया जाये, बकाया मानदेय का अविलंब भुगतान किया जाये, भोजन बनाने वक्त जल जाने पर चिकित्सा भत्ता दिया जाये, उन्हें हटाने की धमकी पर प्रतिबंध लगाया जाये, रसोइयों को पोषक भत्ता दिया जाये, मानदेय भुगतान प्रतिमाह किया जाये, गरमी छुट्टी में भी रसोइयों को मानदेय दिया जाये समेत कई मांगें शामिल हैं.
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