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ग्रामीणों ने रोका निर्माण, बैरंग लौटी पुलिस

पूरी तैयारी के साथ गयी थी पुलिस, ग्रामीणों का गुस्सा देख लौटी वापस जयनगर : बांझेडीह पावर प्लांट के एसपौंड एरिया करियावां, धरेयडीह मौजा में निर्माण कार्य शुरू कराने गये प्रबंधन के अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारी व पुलिस पदाधिकारियो को करियावां, धरेयडीह, मंझगावां, विसोडीह के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. घंटो समझाने-बुझाने […]

पूरी तैयारी के साथ गयी थी पुलिस, ग्रामीणों का गुस्सा देख लौटी वापस
जयनगर : बांझेडीह पावर प्लांट के एसपौंड एरिया करियावां, धरेयडीह मौजा में निर्माण कार्य शुरू कराने गये प्रबंधन के अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारी व पुलिस पदाधिकारियो को करियावां, धरेयडीह, मंझगावां, विसोडीह के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. घंटो समझाने-बुझाने के बाद भी बात नहीं बनी. आक्रोशित ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. हालांकि काम लगाने व ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी.
भारी संख्या में सीआइएसएफ व पुलिस बल के जवान कार्यस्थल पर तैनात थे. स्थिति ऐसी रही की ग्रामीणों की एकजुटता को देखते हुए काम के लिए मशीनें तो मंगायी गयी, मगर काम शुरू नहीं हुआ. दोपहर 2.30 बजे से शुरू हुआ. यह ड्रामा शाम लगभग चार बजे समाप्त हुआ. ग्रामीण अपने घर गये और अधिकारी व पदाधिकारी लौट गये. इस दौरान पुलिस प्रशासन हाय हाय, डीवीसी प्रबंधन हाय हाय, प्रदूषण पर नियंत्रण करो, विस्थापितों को सुविधा दो आदि नारे लगाये जा रहे थे.
मौके पर डीवीसी के डीजीएम मधुकांत झा, डिप्टी चीफ एसके सिन्हा, एसआइपी के वरीय प्रबंधक वीके कश्यप, एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार, सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट डी डुंगडुंग, सीओ बालेश्वर राम, थाना प्रभारी हरि नंदन सिंह, हजारीबाग के एलआर निदेशक राकेश सिन्हा, बीइइओ सुशील गुप्ता, जिप उपाध्यक्ष निर्मला देवी, आजसू नेता श्रीकांत यादव, विस्थापित, शमसुल अंसारी, हदीश अंसारी, मो सतार, अनवर अंसारी, पोखराज राणा, कालेश्वर सिंह, बिहारी यादव, विक्की राणा सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
एसडीओ ने माना हो रहा है प्रदूषण
ग्रामीणों से बातचीत के दौरान ग्रामीणों की दो मुख्य मांगें सामने आयी. इसमें वायू प्रदूषण व जल प्रदूषण के साथ-साथ एक ही किस्म के दो जमीनों को अलग-अलग दर से मुआवजा भुगतान का मामला सामने आये. इस पर एसडीओ श्री बरदियार ने कहा कि वे ग्रामीणों से वहीं वादा कर सकते है, जिसे पूरा कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की बात बिल्कुल सही है. इसके लिए प्रबंधन से बात हुई. एस पौंड एरिया में पौधरोपण किया जायेगा व प्रतिदिन टैंकर से पानी का छिड़काव किया जायेगा. ग्रामीणों ने कहा कि इस प्रकार का वादा वे वर्षों से सुनते आ रहे है. मगर प्रबंधन ने आज तक एक भी वादा नहीं पूरा नहीं किया है. उन्हें प्रबंधन के वादा पर विश्वास नहीं है.
विस्थापितों को आश्वासन नहीं, अधिकार चाहिए : निर्मला देवी
प्रशासन व प्रबंधन की बातों को सुनने के बाद जिप उपाध्यक्ष निर्मला देवी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विस्थापितों को आश्वासन नहीं, अधिकार चाहिए. अब तक उन्हे सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
उन्होंने कहा कि आश्वासन से जीवन नहीं कटता, इसे पूरा भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विस्थापित गांवों में पानी बिजली तक नहीं दिया जा रहा है. लगाये गये चापानल खराब पड़े है. प्लांट के डीप बोरिंग के कारण गांव का जल स्तर नीचे चल गया है.
उन्होंने पूरे गांव को विस्थापन नीति के तहत यहां से हटाकर किसी दूसरे जगह बसाने की मांग की, ताकि ग्रामीण चैन से जीवन गुजर सके. वहीं पोखराज राणा ने कहा कि जब तक सुविधाएं बहाल नहीं की जाती, तब तक काम नहीं होने दिया जायेगा. आजसू नेता श्रीकांत यादव ने भी कहा कि पुलिस के डंडा व अधिकार के भय से हमलोग घबराने वाले नहीं, जरूरत पड़ी तो मुकाबला करेंगे.

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