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20.12 लाख टैक्स दबाये बैठे हैं सरकारी अधिकारी व विभाग
विकास कोडरमा : राज्य सरकार काम में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ सराकारी मशीनरी में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है, पर सरकारी नियमों का सरकारी विभाग व अधिकारी ही पालन नहीं कर रहे हैं. आमलोगों पर टैक्स का पैसा बकाया होने पर नोटिस भेज कार्रवाई करने वाले विभाग व अधिकारी टैक्स की 20 लाख से […]
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कोडरमा : राज्य सरकार काम में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ सराकारी मशीनरी में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है, पर सरकारी नियमों का सरकारी विभाग व अधिकारी ही पालन नहीं कर रहे हैं. आमलोगों पर टैक्स का पैसा बकाया होने पर नोटिस भेज कार्रवाई करने वाले विभाग व अधिकारी टैक्स की 20 लाख से अधिक की राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं. यह मामला झुमरीतिलैया नगर पर्षद से जुड़ा है़ बकायेदारों में छोटे-बड़े विभाग से लेकर तिलैया थाना तक शामिल है.
यहीं नहीं बकायेदारों की सूची में डीडीसी के साथ ही कोडरमा के सीओ, बीडीओ भी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार नगर पर्षद क्षेत्र में रहनेवाले हर परिवार जिसका मकान इस क्षेत्र के अधीन है या फिर सरकारी विभाग जिसका भवन नगर पर्षद क्षेत्र में स्थित है, उसे नगर विकास विभाग द्वारा मिले निर्देश के आधार पर नगरपालिका टैक्स, गृह कर, जल कर, शिक्षा सेस व स्वास्थ्य सेस जैसी चीजों को लेकर टैक्स देना पड़ता है़
विभिन्न सुविधाओं को लेकर नगर पर्षद द्वारा उक्त टैक्स की वसूली के लिए टैक्स कलेक्टर तो है, लेकिन इन सरकारी विभागों व अधिकारियों से टैक्स के पैसे की वसूली नहीं हो पा रही है़ कोई वर्ष 1967-68 से टैक्स का भुगतान नहीं कर रहा है, तो कोई वर्ष 1996-97 से. ऐसे में बकाया बढ़कर 20 लाख, 12 हजार, 652 रुपये हो गया है़ इसमें विभिन्न विभागों पर 17 लाख, 41 हजार, 408 रुपया तो कोडरमा रेलवे स्टेशन, टेलीफोन केंद्र व अन्य पर दो लाख, 71 हजार, 244 रुपये का टैक्स बकाया है़ इन पर नगर पालिका का सेवा शुल्क व जलकर लागू होता है़ मामले से इतर नगर पर्षद हर वर्ष इन विभागों व अधिकारियों को नोटिस भेज कर कोरम पूरा कर रहा है़
25 विभाग व अधिकारी वर्षों से नहीं दे रहे टैक्स
प्रभात खबर के पास उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि नगर पर्षद को विभिन्न सेवा के लिए करीब 25 विभाग/अधिकारी टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं. सबसे अधिक बकाया तो कर्मचारी आवास क्वार्टर (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, होल्डिंग संख्या 253) पर दो लाख 3 हजार 138 रुपया है़ इन क्वार्टर के टैक्स का भुगतान विभाग वर्ष 1967-68 से ही नहीं कर रहा है.
प्रति वर्ष 9064 रुपये टैक्स के रूप में लिए जाने हैं. यही नहीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (होल्डिंग संख्या 323) पर वर्ष 1992-93 से ही टैक्स नहीं देने के कारण एक लाख, 47 हजार 940 रुपये बकाया हो गया है.
कृषि उत्पादन बाजार समिति पर वर्ष 2010-11 से 1,33,338 रुपये, प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर वर्ष 1996-97 से अब तक का 73,183 रुपये, जिला परिषद के स्टॉल के नाम वर्ष 1987-88 से अब तक का 4,22,169 रुपये बकाया है़ डीसीसी के आवास संख्या 84 का टैक्स वर्ष 1996-97 से अब तक 6092 रुपये, बीडीओ के आवास संख्या 363 पर 7832 रुपये, सीओ कोडरमा के आवास संख्या 53 पर 8422 रुपये बकाया है़ तिलैया थाना पर वर्ष 1995-96 से अब तक का 22980 रुपये टैक्स का बकाया है़ बिजली विभाग पर भी हजारों रुपये का बकाया है.
नगर पर्षद को ये विभाग भी नहीं दे रहे टैक्स
नगर पर्षद झुमरीतिलैया अपने गठन के बाद से आज तक कोई खास काम नहीं कर सका है़ चाहे वह शहर की सूरत बदलने की योजना हो या फिर ड्रेनेज सिवरेज सिस्टम की़ हालांकि जब से नगर विकास विभाग ने पार्षदों का वेतन स्थानीय निधि से ही देने का निर्धारण किया है. उसके बाद भी नगर पर्षद की आमदनी बढ़ाने को लेकर खास काम नहीं हो रहा है़
हर वर्ष सरकारी विभागों व अधिकारियों को नोटिस भेज कर नगर पर्षद अपने काम की इतिश्री कर ले रहा है और टैक्स की बकाया राशि बढ़ती जा रही है़ नगर पालिका टैक्स, गृहकर, जल कर, शिक्षा सेस व स्वास्थ्य सेस जैसी चीजों को लेकर टैक्स सरकारी विभागों पर यूं ही 20 लाख से अधिक नहीं हो गया है. इसमें कुछ बड़े बकायेदार भी शामिल हैं.
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