– विकाश –
विकास योजनाओं में अनियमितता
कोडरमा : मरकच्चो व डोमचांच प्रखंड में विकास योजनाओं में लूट की खुली छूट के लिए सिर्फ अफसर जिम्मेवार नहीं हैं, बल्कि इसमें नीति नियंताओं की भागीदारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार, गांव में होने वाली विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने से पहले जनप्रतिनिधि की राय जरूर ली जायेगी, पर यहां के हालात बताते हैं कि या तो जनप्रतिनिधि की राय ली गयी ही नहीं और अगर ली गयी, तो उसमें गड़बड़ी थी.
जी हां, मरकच्चो प्रखंड की सीमा पर स्थित गांव देवीपुर, लक्ष्मीपुर के लोग यह सवाल जरूर पूछते हैं कि हमारे यहां ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की ओर से बनायी गयी इस पुलिया की जरूरत क्या है. सरकार ने जिधर से रास्ता था उधर, तो सुविधा दी नहीं. खेतों की ओर से जाने वाली पगडंडी के पास लाखों की लागत से पुलिया का निर्माण कर दिया.
अब यह पुलिया सफेद हाथी बन गयी है. इस पर से न लोग आते हैं न जाते हैं. तत्कालीन डीसी शिवशंकर तिवारी ने योजना पर सवाल उठाते हुए कार्य बंद करने का आदेश जारी किया था. बताया जाता है कि किये गये कार्य को जेसीबी से तुड़वा भी दिया गया था, पर भ्रष्टाचारियों की लॉबी इतनी हावी थी कि बाद में कार्य को पूर्ण करा दिया और भुगतान भी ले लिया.
एक और गड़बड़ी पकड़ी उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने. बंदरचोकवा से डगरनवा होते हुए गिरिडीह सीमा को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण में 11 पुलिया का भी निर्माण होना था. पुलिया तो बनी, पर गुणवत्ता की सच्चाई देख उपायुक्त भी हैरान रह गये. उन्होंने एक रड से पुलिया को धंसाया तो उसका एक हिस्सा तुरंत गिर गया.
हालात देखिए आने वाले समय में इस पर गाड़ियां दौड़ेंगी तो क्या होगा. उपायुक्त ने सवाल उठाते हुए जांच बैठा दी है, पर जांच अधिकारी एक कदम भी आगे नहीं चले हैं. इससे पहले डीसी उमाशंकर सिंह का तबादला हो गया.