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जिले को मिले हैं छह एंबुलेंस, लोगों को मिल रही है मदद, सुविधाओं से युक्त108 एंबुलेंस बनी संजीवनी
गौतम राणा, कोडरमा बाजार : एक्सीडेंटल जोन के नाम से कोडरमा जिला विख्यात है. यहां शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब एक्सीडेंट न हुआ हो. ऐसे में लोगों की जिंदगी बचाना सबसे कठिन कार्य होता है. इसका मुख्य कारण है जिले में इलाज की समुचित व्यवस्था और एंबुलेंस की कमी. जब घाटी में कोई […]
गौतम राणा, कोडरमा बाजार : एक्सीडेंटल जोन के नाम से कोडरमा जिला विख्यात है. यहां शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब एक्सीडेंट न हुआ हो. ऐसे में लोगों की जिंदगी बचाना सबसे कठिन कार्य होता है.
इसका मुख्य कारण है जिले में इलाज की समुचित व्यवस्था और एंबुलेंस की कमी. जब घाटी में कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है तो सबसे ज्यादा परेशानी घायलों की समुचित इलाज की व्यवस्था में होती है. लोग जद्दोजहद कर घायलों को सदर अस्पताल तो लाते हैं, मगर इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों के पास रांची जाना एकमात्र विकल्प बच जाता है, ऊपर से यहां एंबुलेंस की कमी घायल की जिंदगी बचाने में टेढ़ी खीर के समान हो जाता है.
कभी-कभी तो एंबुलेंस के इंतजार में जिंदगी मौत में तब्दील हो जाती है. लोगों को अपनों से बिछड़ने का गम कम, व्यवस्था से काफी दुःखी होता है, मगर हाल के दिनों में कोडरमा की तस्वीर बदली हुई है. अब एक कॉल पर महज कुछ ही मिनट में एंबुलेंस आपके सामने खड़ी हो जाती है और यह व्यवस्था बदली है एंबुलेंस 108 के कारण.
जी हां, इस वर्ष जुलाई माह से जिले में शुरू हुई 108 एंबुलेंस ने कई लोगों के चेहरे पर मुस्कान लायी है. या यूं कहें कि इन दिनों जिले में 108 हर लोगों की जुबान पर है, क्योंकि यह लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में उपलब्ध करायी गयी 108 की छह एंबुलेंस न केवल लोगों का भरोसा जितने में कामयाब हो रही है, बल्कि अब तक सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाते हुए जिंदगी दे चुकी है.
108 एंबुलेंस पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होती है. इस एंबुलेंस में ऑक्सीजन, स्लाइन, जरूरी मेडिसिन की सुविधा रहती है साथ ही वातानुकूलित है. एंबुलेंस में एक दक्ष स्वास्थ्य कर्मी भी हमेशा मौजूद रहता है जो रास्ते में संबंधित मरीज का प्राथमिक/जरूरी इलाज भी करते हैं.
पूरी तरह से नि:शुल्क है सरकार की 108 एंबुलेंस सेवा
108 की सुविधा तो आमतौर पर सबों के लिए है, परंतु यह सुविधा गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है. आकस्मिक दुर्घटना में घायल हो जाने पर या बीमारी की वजह से मरीज के सीरियस हो जाने पर आप जब 108 में फोन करेंगे तो यह सेवा आपको बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है. न आपसे किराया लिया जायेगा और न हो डीजल के पैसे. यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क और शीघ्र उपलब्ध होता है.
एक कॉल में पहुंच जाती है एंबुलेंस
ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टीम) चमन बिहारी ने बताया कि विभाग द्वारा 108 की छह एंबुलेंस कोडरमा जिले के लिए उपलब्ध है. सदर अस्पताल के अलावा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी सेवा दी गयी है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक एंबुलेंस में दो चालक और दो इएमटी कार्यरत हैं. यह सेवा निःशुल्क रूप से 24 घंटे उपलब्ध है.
इसकी सेवा लेने के लिए 108 में फोन करना पड़ता है. रांची डोरंडा स्थित कार्यालय में उक्त फोन रिसीव होता है. फोन करने वालों से नाम, पता, मरीज की परेशानी और लोकेशन लेने के बाद वहां के पदाधिकारी नजदीक के 108 के एंबुलेंस से बात करते हैं और जो सबसे नजदीक होता है उसे अविलंब फोन करने वाले के लोकेशन पर भेज दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि उक्त एंबुलेंस में इमरजेंसी के लिए हर सुविधा उपलब्ध है, ताकि गंतव्य पर पहुंचने से पहले मरीज को हर संभव उचित ट्रीटमेंट दिया जा सके. उन्होंने बताया कि यह एंबुलेंस औसतन प्रति मिनट/किलोमीटर की गति से चलती है, जिसके कारण यह मरीजों के पास अन्य एंबुलेंस से पहले पहुंचती है. हालांकि यातायात व्यवस्था यदि ठीकठाक न हो तो देर भी हो सकती है.
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