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जमीन हड़प ली, पिता पर ट्रक चढ़वा दिया, हम क्या करते

शंकर यादव हत्याकांड. मीडिया से बोला मुख्य आरोपी मुनेश यादव कोडरमा : कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की हत्या मामले में मुख्य आरोपी मुनेश यादव ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि शंकर की ज्यादती से तंग आकर उसने उसकी हत्या कर दी. न्यायिक दंडाधिकारी मिस पूजा की अदालत में पेशी के लिए लाये गये […]

शंकर यादव हत्याकांड. मीडिया से बोला मुख्य आरोपी मुनेश यादव

कोडरमा : कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की हत्या मामले में मुख्य आरोपी मुनेश यादव ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि शंकर की ज्यादती से तंग आकर उसने उसकी हत्या कर दी. न्यायिक दंडाधिकारी मिस पूजा की अदालत में पेशी के लिए लाये गये मुनेश ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि शंकर यादव ने जबरन मेरी जमीन हथिया ली. मेरे पीछे गुंडे छोड़ दिये. मेरे पिता पर दो बार ट्रक चढ़ा कर मारने का प्रयास किया. मजबूरी में क्या करते?’.
पांच दिन की रिमांड अवधि खत्म होने पर पुलिस ने मुनेश को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया. मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाये गये मुनेश ने घटना के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पूरा मामला जमीन से संबंधित है. वर्ष 2002 में पत्थर खदान की जमीन को एग्रीमेंट के तौर पर किरायेदार के रूप में शंकर यादव को दिये थे. उन्होंने कुछ दिन किराया दिया फिर जमीन हड़प ली. राजनीति से जुड़ कर शंकर परेशान करने लगे. हमने हर जगह क्षेत्र के लोगों, पंचायत, गणमान्य लोगों सभी के पास गुहार लगायी, पर कोई सुनवाई नहीं किया. फिर कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा, बहुत तरह से परेशान किया जाने लगा.
शंकर बाबू ने पर्सनल गुंडे व लफुओं से डिस्टर्ब किया, मजबूर कर दिया. हर धंधा को चौपट करवा दिया. जान पर खतरा करने का प्रयास किया. दो-दो बार पिताजी पर ट्रक चढ़ा कर मारने का प्रयास किया. स्वभाविक है ऐसी स्थिति में इंसान मजबूर होकर क्या करेगा. पिताजी को झमेला में फंसाने का प्रयास चलता रहा. हमने पिताजी को समझाया की आपको ये लोग पॉलिटिक्स से फंसा दे रहे हैं. आप बुजुर्ग हो गये हैं घर में रहिए हम कमायेंगे. मुनेश ने कहा कि हम बहुत गरीब परिवार से आते हैं.
हम नहीं चाहते थे कि लफड़े में फंसें. ज्ञात हो कि 13 फरवरी को चंदवारा थाना क्षेत्र के ढाम थाम के पास अपराधियों ने ऑटो में बम प्लांट कर शंकर यादव की स्कॉर्पियो को उड़ा दिया था. घटना में शंकर यादव के साथ ही उनके निजी अंगरक्षक कृष्णा यादव की मौत हो गयी थी, जबकि चालक धर्मेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गया था. पुलिस ने इस मामले का पांच दिनों के अंदर खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी मुनेश यादव के साथ ही उसके छोटे भाई पवन यादव, नरेश यादव, सुदीप यादव, रामदेव यादव को गिरफ्तार किया था.
नक्सली कनेक्शन के सवाल पर कहा, कुछ कहना उचित नहीं : मुनेश ने पेशी के दौरान मीडिया द्वारा यह सवाल पूछे जाने पर की घटना को अंजाम देने के लिए ऑटो में बम प्लांट करने को लेकर नक्सली का सहयोग लिया गया था या फिर मामले में नक्सल कनेक्शन है? इस पर उसने कहा कि देखिए इस पर बहुत ज्यादा कुछ हम को कहना उचित नहीं है. हमने जो भी किया हक के लिए किया, मजबूर किया इसलिए किया.

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