कोडरमा बाजार: झारखंड प्रशासनिक सेवा के सभी स्तर के पदाधिकारियों के 16 से 20 नवंबर तक सामूहिक अवकाश पर चले जाने से समाहरणालय और प्रखंड मुख्यालय स्थित विभिन्न कार्यालयों में गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा. आलम यह था कि प्रखंड और समाहरणालय में स्थित विभिन्न कार्यालयों आम दिनों की तरह चहल-पहल नहीं देखी गयी.
दूर-दराज से जरूरी कार्य के लिए विभिन्न कार्यालयों में आये ग्रामीणों को अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण खाली हाथ लौटना पड़ा. ज्ञात हो कि गत दिनों हजारीबाग जिले के बरकट्ठा अंचल के सीओ पर निगरानी विभाग द्वारा मारपीट करने तथा गिरफ्तार करने की घटना से झारखंड प्रशासनिक सेवा (झासा ) के अधिकारियों में उबाल है.
उनका कहना है कि बरकट्ठा सीओ को एक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है. मंगलवार को अपर समाहर्ता प्रवीण कुमार गागराई की अध्यक्षता में हुई झासा की बैठक में घटना के विरोध में 16 से 18 तक सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया गया था. बाद में इसे विस्तार देते हुए 20 तक कर दिया गया. बाबत अपर समाहर्ता श्री गागराई ने कहा कि बरकट्ठा सीओ पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है, उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि 20 को संघ के केंद्रीय कमेटी की बैठक रांची में रखी गयी है. उक्त बैठक में निर्णय लिए जाने के बाद आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जायेगी.