खूंटी : बारिश के मौसम में काम नहीं मिलने के कारण सईदबा गांव के लोग कंद– मूल खाकर गुजारा कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. गांव में सिर्फ एक नलकूप है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय माइबुरू का छात्र मुरगा हस्सा भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. गत माह ही उसके पिता ओसी मुंडा (35) की मौत हो गयी थी. डायरिया होने के कारण मुरगा हस्सा को कई दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा था. ठीक होकर जब लौटा, तो घर में अनाज का एक दाना नहीं था.
पेट की आग बुझाने के लिए वह पेकची को उबाल कर खा रहा है. लाल कार्ड क्या होता है, यह उसे नहीं पता. गांव के अधिकांश लोगों का यही हाल है. किसी को पेट भर भोजन नसीब नहीं होता.