चंदन कुमार
पत्थलगड़ी वाले इलाके के लोग पूरे उत्साह के साथ लोकतंत्र के महापर्व में हुए शामिल
रांची/खूंटी : खूंटी के पत्थलगड़ी वाले इलाके में चुनाव को लेकर उत्साह चरम पर था़ वोटरों के जज्बात बयां कर रहे थे कि हालात पहले से काफी बदले चुके हैं. बदल रहे हैं. आनेवाले दिनों में और बदलेंगे. साल दो साल पहले जो इलाका अलग कहानी लिख रहा था, वहां का नजारा बदला हुआ था़ पत्थलगड़ी के इलाके में महिलाओं में वोट को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला.
कोई जल्दी अपना काम निबटा कर बूथों तक पहुंच रहा था, तो कोई भरी दुपहरिया में भी कतार में लगने में संकोच नहीं कर रहा था़ बुजुर्ग भी घंटों पैदल चल कर दूर-दूराज के गांवों से अपने बूथ तक पहुंचे थे़ कोचांग, चलकद, सिंनजूरी के बूथों पर सुबह से लाइन लगी थी़ कोरबा, वीरबांकी के कई गांवों में वोटर अपने बूथ तक पहुंचे थे़ इन इलाके में महिलाएं वोटिंग के लिए आगे-आगे थीं. टोडांग में दोपहर तक आधे वोट पड़ चुके थे़
हालांकि इलाका दुरुह होने के कारण वोटरों को परेशानी भी थी़ लेकिन सारी मुसीबतों को मात देकर लोग पहुंच रहे थे़ लापुंगडीह में साढ़ तीन बजे तक मतदानकर्मियों के अनुसार 64़ 14 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे़
वोट का दिन है, घर में कैसे रहते: पत्थलगड़ी के इलाके में टोडांग के बूथ पर एतवारी कुमारी कहती है कि वोट का दिन है, घर में कैसे रहते़ बहामा कुमारी ने कहा कि घर से सब आये हैं वोट देने़ अपने गांव का विकास करना है़ बलराम सिंह मुंडा कहते हैं कि हमलोग शुरू से ही वोट देते है़ं यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है या किसी ने मना नहीं किया है कि वोट नहीं देना है़ डाेलड़ा के बूथ पर मिली वृद्ध सोमवारी मुंडाइन को सरकार की कई योजनाओं की जानकारी है़ उसे पेंशन भी मिल रही है़ उसे वोट का महत्व भी पता है़ वह वोट देकर खुश है़
पहाड़ी पार कर पहुंचे बूथ तक : खूंटी, अड़की के जंगल में लोगों की जिंदगी मुश्किलों के साथ गुजरती है़ ग्रामीणों को वोट देने के लिए बूथ तक जाना आसान नहीं है़ काेचांग के एक बूथ पर दाउद बोदरा बताते हैं कि वह सुबह से चल कर बूथ तक पहुंचे है़ं उन्होंने बताया कि वह बगल में पहाड़ी के उस पार के गांव के रहनेवाले है़ं पहाड़ी पार कर आये है़ं हर बार वोट दते है़ं
कोचांग से अड़की तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस
रांची़ : लोकसभा चुनाव को लेकर साेमवार को कोचांग से अड़की के बीच चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया था. हर बूथ पर पुलिस की घेराबंदी की गयी थी. सीआरपीएफ, बीएसएफ, कोबरा व झारखंड पुलिस कमान संभाल रही थी. बूथ के अलावा जंगलों में पुलिस के जवान मुस्तैद थे. इसके अलावा गांव के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस के जवान सुरक्षा को लेकर तैनात थे.