मिहिजाम : मिहिजाम में जैन समुदाय का दस लक्षण पर्व यानि पयूर्षण पर्व का शुभारंभ शनिवार को हो गया है. अहले सुबह मेन रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्मावलंबी जमा हुए. प्रथम दिन दस लक्षण के दस गुणों में से एक उत्तम क्षमा का पालन किया गया.
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जैन समुदाय का पयूर्षण पर्व शुरू
मिहिजाम : मिहिजाम में जैन समुदाय का दस लक्षण पर्व यानि पयूर्षण पर्व का शुभारंभ शनिवार को हो गया है. अहले सुबह मेन रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्मावलंबी जमा हुए. प्रथम दिन दस लक्षण के दस गुणों में से एक उत्तम क्षमा का पालन किया गया. उत्तम क्षमा अर्थात मन के विकारों […]
उत्तम क्षमा अर्थात मन के विकारों को दूर कर सामने वाले की गलतियों को क्षमा करना है.
इसके विपरित क्षमा के स्थान पर यदि मनुष्य क्रोध का पालन करता है तो हम अपना मानसिक सतुंलन खो देते हैं एवं व्यर्थ ही अपनी हानि करते हैं. क्षमा करने से वैरभाव का समापन होगा. क्षमा ही वीरों का आभूषण होता है. शनिवार को मंदिर में पीले वस्त्र धारण कर पुरुष व महिलाआें ने भगवान की प्रतिमा का मस्तिकाभिषेक किया और विश्वशांति के लिए पूजा की गयी. श्रद्धालुओं ने बताया कि महिला एवं पुरूष निर्जला उपवास रखते हैं. कोई एक दिन तो कई तीन चार दिनों तक निर्जला उपवास का पारण करते हैं.
दस दिनों तक यदि किसी नर या नारी ने निर्जला उपवास रखा तो उसे पर्व के अंतिम दिन मंदिर से उसके आवास तक धर्म के लोग सामूहिक रूप से बाजे-गाजे के साथ निवास स्थान पर पहुंचाते हैं. उन्हें जल का पारण कराते हैं. दस दिनों में पालन किए जाने वाले दस गुणों की अपनी विशिष्ठता है. जिसे आत्मशुद्धि के लिए उत्तम माना जाता है. पर्व के मौके पर मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है.
महिलाओं के विचार : पयूर्षण से होती है आत्मशुद्धि
पयूर्षण पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है. जैन समाज के लोग आत्मशुद्धि के रूप में इस पर्व को मनाते हैं. लोग प्रतिदिन उपवास रखते हैं. मंदिर में प्रतिदिन दस धर्म की पूजा होती है.
मधु जैन
पयूर्षण पर्व पर अधिक-से-अधिक त्याग करना ही, इस पर्व की महानता है. लोग अपने जीवन में अधिक-से-अधिक त्याग कर अपनी आत्मा की शुद्धि कर सकें.
रचना जैन
पयूर्षण पर्व प्रति वर्ष भादो माह में मनाया जाता है. पूरे देश में यह पर्व जैन समाज द्वारा मनाया जाता है. इसे पूरी तरह आत्मशुद्धि के रूप में मानते हैं.
नीता जैन
पयूर्षण पर्व में दस गुणों का पालन किया जाता है. दस गुणों की अपनी महत्ता है, जिसका पालन समाज के स्त्री-पुरुष करते हैं. यह पर्व हमारे विभिन्न विकारों से परहेज कर आत्मशुद्धि के लिए प्रेरित करता है.
सारिका जैन
निर्जला उपवास रख कर दस गुणों का पालन करना ही इसकी विशेषता है. प्रथम दिन उत्तम क्षमा का पालन किया जाता है. दूसरों को गलतियों पर उन्हें क्षमा करना ही मनुष्य का आभूषण है. क्रोध को नहीं अपना कर क्षमा कर देने से वैरभाव का नाश होता है.
हीरामनी जैन
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