बहरागोड़ा से झामुमो विधायक विद्युत महतो के भाजपा प्रत्याशी के रूप में दावेदारी सामने आने के साथ ही झामुमो और भाजपा दोनों खेमों में राजनीति तेज हो गयी है. सूत्रों के अनुसार, विद्युत महतो खुद दिल्ली की ओर रुख कर गये हैं. यदि उन्हें टिकट मिलना पक्का हो जाता है तो उससे पहले वे भाजपा में शामिल भी हो सकते हैं. दूसरी ओर, उनके नजदीकी घाटशिला के झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने विद्युत के इस संभावित कदम को जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है. साथ ही, विद्युत का नाम आने के बाद भाजपा खेमे में पार्टी से बाहर का प्रत्याशी होने को लेकर नाराजगी शुरू हो गयी है.
बहरागोड़ा की जनता को देना होगा जवाब:रामदास
जमशेदपुर : घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि झामुमो के विधायक व उनके साथी विद्युत वरण महतो ने अभी तक भाजपा का दामन नहीं थामा है, लेकिन जिस तरह की खबरें आ रही हैं और उसका वे खंडन भी नहीं कर रहे हैं, इससे यह साफ होता है कि उन्होंने फैसला ले लिया है. झामुमो ने जब उन्हें पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाने की बात कही थी तो उनका जवाब था कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है.
तब चंपई सोरेन और उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिया था. विद्युत वरण महतो ने यदि भाजपा से जुड़ने का फैसला ले लिया है तो वे इतना जरूर कहेंगे कि यह जल्दीबाजी में उठाया गया आत्मघाती कदम है. वे यह भी कहेंगे कि पैसे ही सब कुछ नहीं होता. भाजपा के नेताओं ने भी मदद का भरोसा दिया होगा, जिसे सच मान कर वे उस तरफ खींचे चले जा रहे हैं. प्रत्याशी बनाने के बाद यदि भाजपा के लोगों ने मदद नहीं की तो वे क्या करेंगे, इस पर भी विचार करना चाहिए. झामुमो ने विद्युत वरण महतो को सब कुछ दिया. नाम, पहचान और विधायक का सम्मान. ऐसी स्थिति में उन्हें संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए. पार्टी ने उन्हें भी घाटशिला से विधायक का टिकट नहीं दिया था. पार्टी ने गंठबंधन धर्म निभाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया था. जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. 2009 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें उस योग्य समझा और अधिकृत प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा. विद्युत वरण महतो के बारे में लगातार अखबारों में आ रही खबरों से पार्टी नेतृत्व और कार्यकत्र्ताओं में खराब संदेश जा रहा है. विद्युत पार्टी में रहे या जायें, लेकिन उन्हें अगले चुनाव में इसका जवाब बहरागोड़ा की जनता को देना होगा.
विद्युत या सरयू राय पर लग सकती है मुहर, फैसला आज
जमशेदपुर : भाजपा में टिकट को लेकर चल रही ऊहापोह के बीच नयी दिल्ली में बुधवार को भी लॉबिंग होती रही. इस दौरान किसी तरह की औपचारिक बैठक तो नहीं हो पायी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व विधायक सरयू राय के साथ प्रदेश प्रभारी स्वदान सिंह की अनौपचारिक बैठक हुई. इसमें दूरभाष पर ही पूर्व उपमुख्यमंत्री रघुवर दास से उनकी राय जानने की कोशिश की गयी. बताया जाता है कि अंतिम समय तक किसी का नाम सामने नहीं आ पाया. हालांकि खबर है कि पूर्व विधायक सरयू राय के नाम पर ही सहमति बनती दिखी, लेकिन कोई घोषणा नहीं हो पायी. वैसे अंदरुनी स्तर पर आरएसएस के सहयोग से विद्युत का नाम भी बैठक के बाहर चलती रही. बताया जाता है कि विद्युत का समर्थन अजरुन मुंडा और उनकी टीम से जुड़े हुए लोगों ने भी की. सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा, रघुवर दास और सरयू राय ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान ही विद्युत को टिकट देने के गुण और दोष के बारे में चर्चा की गयी. संकेतात्मक तौर पर ही सही, लेकिन इसका जोरदार विरोध भी हुआ और आरके अग्रवाल को राज्यसभा में पहुंचाने के लिए विद्युत वरण महतो द्वारा प्रोपोजर के रूप में किये गये हस्ताक्षर के अलावा उससे संबंधित तमाम दस्तावेजों को पेश किया गया. इसके बाद सारे नेता लौट गये. उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को फिर से सुबह साढ़े आठ बजे से मीटिंग होगी, जिसके बाद इसकी घोषणा की जायेगी.
बाहरी को टिकट का होगा विरोध : गोलमुरी मंडल. भाजपा गोलमुरी मंडल के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने पार्टी नेतृत्व से मांग की है कि जमशेदपुर लोकसभा सीट से भाजपा के ही किसी कार्यकर्ता को टिकट प्रदान किया जाना चाहिए. बाहरी को यदि टिकट दिया गया तो इसका विरोध होगा. टिकट यदि पार्टी कार्यकर्ता को मिला तो उसके समर्थन में सभी मिल कर काम करेंगे.