जमशेदपुर: समाज की कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य से पश्चिमी सिंहभूम जिला में ‘शक्ति रूपा’ महिला संगठन का गठन हुआ. तीन साल पूर्व दो महिलाओं से शुरू हुआ यह संगठन आज 52 गांवों में फैल चुका है तथा इसके एक हजार से अधिक महिला सदस्य हैं. संगठन बैठक और रैलियों के माध्यम से नशा और नारी उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाते हुए लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहा है. संगठन के उद्देश्यों के बारे में अध्यक्ष प्रमिला पात्रो ने ‘प्रभात खबर’ से खास बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत का संपादित अंश
प्रश्न- संगठन शुरू करने प्रेरणा कैसे मिली ?
उत्तर- शादी के बाद ससुराल आयी तो यहां बड़े-छोटे-बच्चे सभी को दारू, सिगरेट, जुआ खेलने में लिप्त पाया. मुङो ऐसा महसूस हुआ कि कल मेरा बच्च भी होगा तो इसी माहौल में पलेगा. यही सोच कर ‘नशा विरोधी अभियान’ चलाने का संकल्प लिया.
प्रश्न- संगठन शुरू करने में क्या-क्या चुनौतियां आयीं?
उत्तर – चूंकि मैं गांव की बहू थी इसलिए घर से लेकर बाहर तक विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि धीरे-धीरे सबका सहयोग मिलने लगा. आज इससे एक हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं.
प्रश्न – गांव में दारू भट्ठी तोड़ने के दौरान क्या-क्या दिक्कतें होती थीं?
उत्तर – हम लोग जब भी किसी भी गांव में दारू भट्ठी तोड़ते थे तो वहां के दारू विक्रेताओं की ओर से कभी फोन पर तो कभी सामने भी जान मारने की धमकी दी जाती थी. लेकिन इस ओर ध्यान न देकर हम लोग अपना काम करते रहे. हां महिलाओं ने हर कदम पर हिम्मत से काम लिया.
प्र. दारू भट्ठी तोड़ने में पुलिस का कोई सहयोग मिलता है?
उत्तर- पुलिस ही नहीं, नेता, पार्षद सहित अन्य किसी का भी कोई सहयोग नहीं मिलता है. सब कुछ अपने दम पर करते हैं.