मंदिर के सामने स्टील के ग्रिल लगाये गये हैं, जिससे उसकी सुंदरता आैर बढ़ रही है. इस दाैरान कई कार्यक्रम भी आयाेजित किये जायेंगे. 1967 में भालूबासा जंबाे अखाड़ा के साथ-साथ श्री बजरंगबली की प्रतिमा की स्थापना की गयी थी. 1984 में प्रतिमा स्थल काे भवन का रूप दिया गया था. श्री बजरंगबली की प्रतिमा का निर्माण शहर के मूर्तिकार मधुसूदन गाेस्वामी द्वारा किया गया है. बजरंगबली की मूर्ति की ऊंंचाई 19 फीट आैर पहाड़ समेत 21 फीट की है. काेल्हान के लाेगाें के लिए यह मंदिर आकर्षण का केंद्र है, जहां लाेग मन्नतें पूरी हाेने के बाद पूजा करने दूर-दराज से आते हैं.
मंदिर समिति द्वारा संचालित जंबाे अखाड़ा में बसंत पंचमी के दिन से ही श्री रामनवमी पताका काे फहरा दिया जाता है आैर पूजन शुरू हाे जाता है. हर दिन शाम काे अखाड़ा सजता है, जहां लाठी-डंडा के खेल के साथ करतब दिखाने लाेग पहुंचते हैं. जंबाे अखाड़ा की विशाल कलश यात्रा निकलती है, इसके अलावा आतिशबाजी आैर विद्युत सज्जा आकर्षण का केंद्र हाेती है, जिसमें शामिल हाेने आैर देखने के लिए दूर-दराज से लाेग आते हैं.