जमशेदपुर. माैलाना-प्रमुखाें ने बुधवार काे रजब का चांद देखने का ऐलान किया. पटना समेत देश के अन्य हिस्साें से चांद देखे जाने की गवाही हुई. जमशेदपुर में देर शाम तक चांद नहीं देखा गया. इमारत ए शरिया के काजी सऊद आलम ने कहा कि रजब के माह की काफी अहमियत है. रजब की 27 तारीख काे माेहम्मद सअ. का मेराज हुआ था. इसलिए 27 शब की मुसलिम समुदाय में काफी अहमियत है.
रजब के महीने के दाे माह बाद माह ए रमजान का पवित्र महीना शुरू हाे जायेगा. रजब के माह में महान सूफी संत हजरत ख्वाजा माेईनुद्दीन चिश्ती काे श्रद्धालु याद करेंगे, उनकी मजार पर जाकर निशान लगायेंगे. संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 805वें उर्स का झंडा दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ा दिया गया. इसके साथ ही गरीब नवाज के सालाना उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई.
रजब महीने का चांद दिखाई देने के बाद विधिवत रूप से उर्स के धार्मिक रस्मों का आगाज हो गया. मुसलिम समुदाय के लाेगाें ने बताया कि झंडे की रस्म में दो दशक के बाद भारी भीड़ उमड़ी. उर्स के मौके पर जमादिउस्सानी महीने की 29 तारीख को दरगाह का जन्नती दरवाजा खोला दिया गया.