आंकड़े अौर तथ्य बताते हैं कि अधिकारी सरकारी वेतन के लाभार्थी हैं पर सरकारी स्कूल की व्यवस्था के प्रति अपना असंतोष अौर अविश्वास प्रदर्शित करते हुए अपने बच्चों का नामांकन निजी विद्यालयों में कराते हैं. सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों का नामांकन प्राइवेट स्कूल में कराते हैं पर बच्चों को सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रेरित करते हैं, सरकारी सेवकों की रुचि सिर्फ सरकारी वेतन में है अौर सरकारी स्कूली व्यवस्था को नकारते हैं.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सरकारी सेवकों के बच्चों को सरकारी विद्यालय में नामांकित कर गुणात्मक शिक्षा को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है जिसे देखते हुए कानून बनाने की मांग की है. धरना में लोक शिक्षा अभियान के संयोजक जामिनी कांत महतो( अधिवक्ता), बसंती प्रसाद सिंह, प्रभाकर गिरि, प्रो. सोनाली राय, प्रो. मौसमी महतो, डॉ कल्याणी कबीर, प्रो. पूनम कुमारी, मिनौती टुडू अौर महिला समूह की काफी संख्या में महिलायें शामिल हुई.