सोमवार को जब अभिभावक स्कूल पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि री-टेस्ट के लिए 10 अप्रैल का समय दिया गया है. इसके बाद अभिभावक में आक्रोश बढ़ गया. उन्होंने इसके बाद स्कूल के डायरेक्टर शरत चंद्रन नायर से मुलाकात की और नये सिरे से टेस्ट देने के बगैर ही बच्चों को प्रोमोट करने की मांग की, जिस पर डायरेक्टर तैयार नहीं हुए. इसके बाद स्कूल प्रबंधन के फैसले के खिलाफ अभिभावकों ने स्कूल में नारेबाजी की व प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाया.
Advertisement
प्रबंधन का फैसला मंजूर नहीं, हंगामा
जमशेदपुर. केपीएस कदमा के नौवीं और ग्यारहवीं में फेल होने वाले छात्र को पास नहीं किया जायेगा. उन्हें अगले क्लास में जाने के लिए नये सिरे से टेस्ट देना होगा, जिसमें 40 फीसदी नंबर लाने पर ही उन्हें अगले क्लास में प्रोमोट किया जायेगा. यह जानकारी प्रबंधन ने सोमवार को स्कूल परिसर में नोटिस चस्पा […]
जमशेदपुर. केपीएस कदमा के नौवीं और ग्यारहवीं में फेल होने वाले छात्र को पास नहीं किया जायेगा. उन्हें अगले क्लास में जाने के लिए नये सिरे से टेस्ट देना होगा, जिसमें 40 फीसदी नंबर लाने पर ही उन्हें अगले क्लास में प्रोमोट किया जायेगा. यह जानकारी प्रबंधन ने सोमवार को स्कूल परिसर में नोटिस चस्पा कर दी. पिछले दिनों स्कूल के 192 छात्रों को कम नंबर के लाने के कारण फेल कर दिया गया था. इसके बाद अभिभावकों द्वारा हंगामा किये जाने पर प्रबंधन ने अगले फैसले के लिए सोमवार का समय दिया था.
मामला पहुंचा थाना, आज भाटिया पार्क में होगी बैठक
स्कूल परिसर में घंटों डटे रहने के बाद अभिभावक कदमा मंडल के भाजपा अध्यक्ष दीपू सिंह के साथ थाना पहुंचे, जहां सभी ने पुलिस पदाधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया. इस पर अधिकारियों ने बताया कि थाना में कोई शिकायत नहीं की गयी है, इसलिए वे लोग कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. इसके बाद अभिभावकों ने तय किया कि वे लोग मंगलवार को भाटिया पार्क में बैठक कर आगे की रणनीति बनायेंगे.
हम नियमों से बंधे हैं, एक मौका दे रहे हैं : डायरेक्टर
स्कूल के डायरेक्टर शरत चंद्रन ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि आइसीएसइ बोर्ड की अोर से साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि हर हाल में अौसत अंक 40 फीसदी होना अनिवार्य है. बच्चों को एक मौका अौर दे रहे हैं, अगर वे इस टेस्ट में 40 फीसदी अंक ले आते हैं, तो उन्हें प्रोमोट कर दिया जायेगा.
15 दिन में कैसे पूरा होगा कोर्स : अभिभावक
अभिभावकों में शामिल कमलेश उपाध्याय ने आरोप लगाया कि स्कूल में बच्चों को साल भर से नहीं पढ़ाया गया. अब अगर री-टेस्ट ले भी लिया जाता है, तो बच्चे 15 दिन में पूरे साल भर का कोर्स कैसे पूरा करेंगे. इससे संबंधित बातें जब डायरेक्टर के पास रखी गयी, तो उन्होंंने पूर्व में 10 अप्रैल को री-टेस्ट का समय तय किया था, लेकिन बाद में छात्रों को 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया अौर 20 अप्रैल से टेस्ट लेने की बात कही.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement