जमशेदपुर: 16-17 फरवरी को रांची में होने वाले मोमेंटम झारखंड ग्लोबल इंनवेस्टर समिट (जीआइएस) में आने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा इंडस्ट्रीज, कृषि एवं उससे जुड़े उद्यान, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग समेत अन्य गतिविधि, पर्यटन एवं आर्ट क्राॅफ्ट का प्रोफाइल तैयारी किया है. साथ ही लैंड बैंक की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी है. इंडस्ट्रीज प्रोफाइल में जिले में अवस्थित बड़ी कंपनियों, अनुषंगिक इकाइयों, कृषि में कोल्ड स्टोरेड, फूड प्रोसेसिंग, काजू प्रोसेसिंग, उद्यान,मत्त्स्य समेत इससे जुड़े विभागों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है. डीडीसी सह नोडल पदाधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में निवेशकों की संभावना के लिए यह प्रोफाइल तैयार किया गया है जिसमें संबंधित चीजों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है.
जिला प्रशासन द्वारा डिस्ट्रिक प्रोफाइल बनाया गया है जिसमें जिले की आबादी( 22,93, 919), मुख्य वर्कर( 5, 29, 578), मार्जिनल वर्कर्स( 307589), किसान( 112059), कृषि मजदूर( 209802) एवं नन वर्कर( 1456752) समेत विस्तृत जानकारी दी गयी है. साथ ही टमाटर के प्रोसेसिंग प्लांट में बताया गया है कि पटमदा, पोटका, घाटशिला जमशेदपुर में प्रचुर मात्रा में टमाटर की खेती होती है अौर ज्यादा उत्पादन होने अौर सही मूल्य नहीं होने के कारण किसान खेत में ही फसल छोड़ देते हैं. प्रोसेसिंग प्लांट अौर शीतगृह बना कर उत्पादन खराब होने से बचाया जा सकता है. बहरागोड़ा, चाकुलिया, धालभूमगढ़ में काजू उत्पादन को देखते हुए काजू प्रसोसेसिंग प्लांट बनाने की संभावना बतायी गयी है. काजू -एप्पल प्रसोसेिंग प्लांट बना कर जूस, जैप, प्लप हनी बनाया जा सकता है. मधुमखी पालन की जिले में संभावना है अौर प्रशिक्षण एवं प्रोसेसिंग प्लांट बनाया जा सकता है.
फूलों की खेती पटमदा, बोड़ाम, पोटका, घाटशिला में होती है अौर जमशेदपुर में इसकी काफी मांग है. कोल्ड स्टोरेज बना कर फूलों की खेती को बढ़ावा देने की संभावना है. मिर्च की खेती पटमदा, बोड़ाम, पोटका, मुसाबनी एवं घाटशिला में होती है जिसके लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की संभावना है.
शहर में दूथ की रोजाना 2.5 लाख लीटर खपत है, लेकिन खटालों व दूध उत्पादकों द्वारा 1.20 लाख लीटर ही आपूति की जाती है. बिहार से 1 लाख लीटर प्रतिदिन दूध मंगायी जाती है. डेयरी फॉर्म अौर डेयरी प्लांट लगाया जा सकता है. जिले में 9 हजार एमटी आम, 15 सौ एमटी कटहल, 9 सौ एमटी अमरूद, 15 सौ एमटी लिची की प्रत्येक साल पैदावार होती है जिसकी प्रोसेसिसंग इकाई की संभावना है. बहरागोड़ा, चाकुलिया प्रखंड में 20 से 25 लाख नग (बांस )वार्षिक उत्पादन होता है जिससे हैंडीक्राफ्ट उद्योग, पेपर मिल, कार्ड बोर्ड की अौद्योगिक इकाई की स्थापना की संभावना है.