यह बातें राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम भारत सरकार कोलकाता के रिजनल हेड सुरेश करमाली ने कही. वे मंगलवार को सीतारामडेरा के आदिवासी एसोसिएशन हॉल में आदिवासी उद्यमिता पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. यह आयोजन राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की ओर से किया गया था. श्री करमाली ने कहा कि आप इंटरप्रेन्योर बने. जॉब क्रियेटर बने. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम आपके साथ है.
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सोच बदलें, मिलेगी सफलता : सुरेश करमाली
जमशेदपुर : दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. किसी भी क्षेत्र में जब तक सोच नहीं बदलेंगे, सफलता नहीं मिलेगी. इसलिए सबसे पहले अपनी सोच को बदलना जरूरी है. नये चीजों को सोचने, समझने व सृजन करने की दक्षता अपने अंदर पैदा कीजिये, आपको आगे बढ़ने व सफल होने से कोई नहीं रोक सकता […]
जमशेदपुर : दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. किसी भी क्षेत्र में जब तक सोच नहीं बदलेंगे, सफलता नहीं मिलेगी. इसलिए सबसे पहले अपनी सोच को बदलना जरूरी है. नये चीजों को सोचने, समझने व सृजन करने की दक्षता अपने अंदर पैदा कीजिये, आपको आगे बढ़ने व सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.
हमेशा बड़ा सोचिए तभी सफलता भी बड़ी मिलेगी. एनएसआइसी का एसटी-एससी के लिए बहुत सी योजनाएं हैं. एमएसएमइ मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधीनस्थ उपक्रमों को एमएसएमइ यूनिटों में कम से कम 20 प्रतिशत प्रोक्योरमेंट और एसटी-एससी से 4 प्रतिशत अनिवार्य किया गया है. लेकिन आदिवासी वेंडरों के अभाव में वर्ष 15-16 में 0.07 प्रोक्योरमेंट किया गया. उन्होंने कहा कि सभी बैंक को कम से कम दो एसटी-एससी के उद्योग व इंडस्ट्री को डेवलप करने में मदद करना है. आदिवासी उद्यमी को आगे आने की जरूरत है. उनका इस क्षेत्र में स्वर्णिम भविष्य है. इस दौरान उन्हाेंने भारत सरकार के एमएसएमइ की विभिन्न योजनाओं से भी लोगों को अवगत कराया. इन कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल. सेमिनार में यूसिल के सुदिप्तो दास, हिंदुस्तान कॉपर लि. के अभिषेक पारिख, एनआइटी के एसके भगत, नेशनल मेटालार्जिकल लेबोरेटरीज के पॉल दीपक लकड़ा, इंडो डेनिश टूल्स रूम के आनंद दयाल, आइएसडब्ल्यूपी के मनीष कुमार व गायत्री नारायण, टीसीआइएल के विजय सिंह, टाटा पावर के बी. राजेश समेत अन्य कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
उपक्रम लगाने में मिलेगी मदद
सेमिनार में विभिन्न कंपनी व उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने आदिवासी वेंडरों को सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इच्छुक वेंडर अपने दस्तावेज ऑनलाइन तरीके से कंपनी को उपलब्ध करा सकते हैं. एसटी-एससी वेंडरों को हर तरह से सरकार के निर्देशानुसार मदद किया जायेगा. क्योंकि कंपनी या उपक्रम की रेटिंग के मापदंड में एसटी-एससी वेंडरों को मदद करना है.
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