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अधर में 132 करोड़ की जलापूर्ति योजना

आदित्यपुर: जेएनएनयूआरएम (जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन) के तहत बनने वाली महत्वाकांक्षी आदित्यपुर शहरी जलापूर्ति योजना पिछले कई वर्षो से अधर में लटकी हुई है. यदि यह योजना धरातल पर आ जाती तो लाखों लोगों को इसका लाभ मिलता और आदित्यपुर नप क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए सिर्फ सीतारामपुर डैम पर निर्भर […]

आदित्यपुर: जेएनएनयूआरएम (जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन) के तहत बनने वाली महत्वाकांक्षी आदित्यपुर शहरी जलापूर्ति योजना पिछले कई वर्षो से अधर में लटकी हुई है. यदि यह योजना धरातल पर आ जाती तो लाखों लोगों को इसका लाभ मिलता और आदित्यपुर नप क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए सिर्फ सीतारामपुर डैम पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. इस संबंध में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी आरएन द्विवेदी ने बताया कि शहरबेड़ा स्थित दोमुहानी के पास लगने वाले प्लांट पर 131.96 करोड़ की राशि खर्च की जानी थी.

इसके लिए वर्ष 2009 में सरकार के साथ एमओयू किया गया था. यह योजना वर्ष 2041 को टारगेट कर बनायी गयी थी. उस समय क्षेत्र की जनसंख्या 5,48,916 आंकी गयी. इसके अंतर्गत बनने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 151.59 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) की थी. उन्होंने बताया कि जेएनएनयूआरएम-एक का समय भी समाप्त हो चुका है, लेकिन अब तक कार्य भी प्रारंभ नहीं हुआ है.

डीपीआर सरकार को भेजा गया था
इस योजना के लिए धीरजी इस्टर्न कंपनी कोलकाता ने डीपीआर बनाया था. जिसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया था. जिसके बाद सरकार ने कुछ जानकारियां मांगी थी, जिसे नोडल अधिकारी ने पुन: छह माह पूर्व भेज दिया था.

63 शहरों में चल रही योजना
जेएनएनयूआरएम के तहत वर्ष 2005 से ही 63 शहरों में विभिन्न योजनाएं चल रही है. कई शहरों में कई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं. लेकिन झारखंड में 2009 में एमओयू किया गया था. इसके तहत झारखंड के जमशेदपुर, रांची व धनबाद में कई योजनाएं तैयार की गयी थी, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण कोई भी योजना अब तक पूरी नहीं हो सकी है. वर्तमान समय में जमशेदपुर में ठोस कचरा प्रबंधन का काम होता दिख रहा है.

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