पाइप लिकेज के कारण कुछ भाग में आंशिक रूप से जलापूर्ति बाधित है और योजना को ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (भीडब्ल्यूएससी) को हस्तांतरित की जा चुकी है. समीक्षा बैठक में समिति के अध्यक्ष सांसद ने बताया कि उन्हें पता चला है कि बड़ा खुर्शी में अभी पूरी तरह से पाइप भी नहीं बिछी है. जिस पर सहायक अभियंता ने बताया कि उन्हें कनीय अभियंता द्वारा अनुपालन प्रतिवेदन दिया गया था, जिसे उन्होंने भेज दिया है.
गलत रिपोर्ट को लेकर उपायुक्त अमित कुमार ने आइटीडीए के परियोजना निदेशक परमेश्वर भगत को योजना की जांच करने का निर्देश दिया. वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) की समीक्षा में एनपीसीसी की फेज 7 से 12 तक की डेढ़ सौ सड़कों का निर्माण लंबित है. सांसद ने लंबित सड़कों का री टेंडर कर काम शुरू करने तथा बरसात के पूर्व काम पूरा करने का निर्देश दिया. बैठक में यह शिकायत भी आयी कि सड़क निर्माण में लगे मजदूरों को एनपीसीसी के ठेकेदारों द्वारा न्यूनतम मजदूरी 221 रुपये से कम डेढ़ सौ रुपये दी जाती है. जिस पर एनपीसीसी के पदाधिकारी ने बताया कि मजदूरों को सीधे उनके बैंक खाता में मजदूरी की राशि दी जाती है. जिसके बाद उपायुक्त ने बैंक खाता के आधार पर कितनी राशि मिलती है, इसकी जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.