जमशेदपुर: 70 के दशक की फिल्म कगुमनाम कमें कॉमेडी किंग पर फिल्माया गीत ख्यालों में, ख्यालों में.. की पृष्ठभूमि दिन में सपने देखने वाले एक नौकर के किरदार को दिखा रही थी. ऐसे कई लोग अक्सर देखने में मिलते हैं जो अचानक हंस देते हैं, या फिर कुछ हरकत करने लगते हैं, दरअसल मनोचिकित्सा जगत में इसे सीजोफेनिया कहते हैं.
जिससे दुनिया के 1 फीसदी लोग ग्रसित हैं. एमजीएम अस्पताल में सक्रिय जिला मानसिक केंद्र में अब तक इलाज कराने वाले 2243 में से 890 लोग इससे ग्रसित मिले हैं, जो 12 लाख की आबादी वाले शहर के लिए एक चिंता का विषय है. इनमें 660 पुरुष जबकि 230 महिलाएं शामिल हैं.
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह मनोरोग अपेक्षाकृत तीन गुणा अधिक है. आंकड़ों में भले ही यह छोटा प्रतीत होता है लेकिन यह चौंकाने वाली बात इसलिए है कि महज 2243 मनोरोगियों में ऐसे 890 मनोरोगी मिले हैं जिसका अर्थ है कि 12 लाख की आबादी में ऐसे मनोरोगी की संख्या काफी अधिक हो.