इसके कारण विभाग में वित्तीय मामले से संबंधित कामकाज सही तरीके से नहीं हो सकता है. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने विभाग को जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने तीन बिंदुअों के जरिये कन्हैया पाठक के काम-काज की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. विभाग को लिखे गये पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कन्हैया पाठक को सरकार की अोर से तय किये गये वित्तीय मानक की भी जानकारी नहीं है. जानकारी के अभाव में वे लंबे अरसे से गलती कर रहे हैं. डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने विभाग को किये गये अनुशंसा में यह भी लिखा है कि सरकार के राजस्व का नुकसान भी उक्त कर्मचारी द्वारा किया जा रहा था. मनमाने तरीके से ट्रैवल अलाउंस तैयार किया जा रहा था, लेकिन जांच के क्रम में पाया गया कि वह गलत है. उक्त सभी बिंदुअों पर जांच के बाद विभाग से उसे हटा कर उसके स्थान पर दूसरे अकाउंटेंट को देने की अपील की गयी है. इस कार्रवाई से जिला शिक्षा विभाग में हड़कंप है.
साथ ही विभाग के हर काम के लिए अपने अधिनस्त कर्मचारियों को समय निर्धारित कर दिया गया है. तय समय पर काम नहीं करने पर कर्मचारियों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी है. डीएसइ ने पोशाक, बेंच डेस्क, स्कूल में बिजली व्यवस्था बहाल करने, मिड डे मील समेत कई अन्य विभागीय योजनाअों में अगर बिचौलिया या फिर विभाग का कोई भी कर्मचारी संलिप्त होकर गलत करने की कोशिश कर रहा है, तो इसे लेकर एक शिकायत कोषांग बनाया गया है, जहां कोई भी शिकायत कर सकता है. इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है.