इस पर अधीक्षक ने अरविंद कुमार सिन्हा से स्पष्टीकरण मांगा था. एमजीएम अधीक्षक, स्वास्थ्य निदेशक व सिविल सर्जन को भेजे अपने जवाब में अरविंद कुमार सिन्हा ने बताया है कि फेको मशीन की खरीद पूर्व अधीक्षक डॉ आरवाइ चौधरी व भंडारपाल युगल किशोर दास के कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2007-08 व 2008-09 के दौरान की गयी थी, तब वे स्थापना के प्रभार में थे.
पूर्व भंडारपाल के सेवानिवृत्त होने के समय जब उन्हें प्रभार मिला उसकी सूची में फेको मशीन खरीद की संचिका नहीं थी. तब मैंने अधीक्षक आरवाइ चौधरी और उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार को यह जानकारी दी थी कि उक्त मशीन के क्रय में अनियमितता हुई है. मशीन की कीमत चार से पांच लाख है, जबकि खरीदारी 19.50 लाख में की गयी है. अरविंद कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि खरीद में गड़बड़ी को छुपाने के लिए आरवाइ चौधरी ने ही अमर ज्योति सिंह को आगे खड़ाकर संचिकाओं को गायब कराया है.