बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि रघुवर सरकार के फैसले के खिलाफ रणनीति के तहत लगातार आंदोलन किया जायेगा. बैठक में बैजू मुर्मू, दासमत हांसदा, दुर्गा चरण मुर्मू, मधु सोरेन, डीसी मुर्मू, नरेश मुर्मू, केसी मार्डी, सोमाय सोरेन, उमेश हांसदा, गोपाल हांसदा, राजाराम हांसदा आदि शामिल हुए.
बैठक की समाप्ति के बाद माझी परगना महाल के देश परगना बैजू मुर्मू, अखिल भारतीय भूमिज मुंडा समाज के अध्यक्ष सिद्धेश्वर सरदार, झारखंड पोनोत जोगो परगना दासमात हांसदा, जोगेत जाकात संताल महल के कार्यकारी अध्यक्ष डीसी मुर्मू एवं महासचिव नरेश मुर्मू द्वारा पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रतिनिधियों को 20 नवंबर की बैठक के बाबत आमंत्रण पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया कि स्थानीयता नीति जन विरोधी है. इससे आदिवासी और मूलवासी को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. फिर सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन के कारण जमीन भी छीन जायेगी. इसके लिए करनडीह जहेरथान में 20 को बैठक बुलायी गयी है.